Top
Begin typing your search above and press return to search.

ईडी-भाजपा को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए कि कैसे बिना अपराध के मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनाया जा सकता है: अभिषेक सिंघवी

कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को दिल्ली के विजय चौक में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान एआईसीसी लॉ, ह्यूमन राइट्स और आरटीआई विभाग के चेयरमैन अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष को डराने और जनता का ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है

ईडी-भाजपा को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए कि कैसे बिना अपराध के मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनाया जा सकता है: अभिषेक सिंघवी
X

नेशनल हेराल्ड केस: अभिषेक सिंघवी ने बताया ईडी को नई एफआईआर दर्ज करने की क्यों पड़ी जरूरत

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को दिल्ली के विजय चौक में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान एआईसीसी लॉ, ह्यूमन राइट्स और आरटीआई विभाग के चेयरमैन अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष को डराने और जनता का ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है।

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, फैलती नफरत, असफल विदेश नीति और अमेरिका-चीन जैसी वैश्विक चुनौतियों से ध्यान हटाने के लिए नेशनल हेराल्ड मामले को हवा दे रही है। उन्होंने तंज कसा कि ईडी और भाजपा को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए कि कैसे बिना अपराध के मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनाया जा सकता है।

सिंघवी ने बताया कि नेशनल हेराल्ड की पैरेंट कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) एक पुरानी और आदर्शों पर आधारित कंपनी है। ब्रिटिश शासनकाल में भी एजेएल अंग्रेजों के खिलाफ खड़ी रही। आदर्शवाद पर स्थापित संस्थाएं हमेशा आर्थिक रूप से सफल नहीं होतीं और एजेएल के साथ भी यही हुआ।

कांग्रेस ने इस कंपनी को मजबूती देने के लिए अलग-अलग समय पर एजेएल को कर्ज दिया, जो कुल 90 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। कंपनी को कर्ज मुक्त और मजबूत बनाने के लिए एजेएल के कर्ज को हिस्सेदारी में बदलने का फैसला किया गया, जैसा कि देश की अन्य कंपनियों में भी होता है।

इस प्रक्रिया के लिए यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई गई। एजेएल का कर्ज यंग इंडियन को स्थानांतरित किया गया और एजेएल की शेयरहोल्डिंग यंग इंडियन के पास चली गई। सिंघवी ने स्पष्ट किया कि इस पूरे प्रोसेस में न तो कोई पैसा ट्रांसफर हुआ और न ही कोई संपत्ति।

यंग इंडियन कंपनी के डायरेक्टर्स में ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। सिंघवी ने बताया कि यह एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी है।

सरकार का दावा है कि एजेएल की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास चली गई, इसलिए एजेएल की संपत्तियां भी यंग इंडियन के पास चली गईं और मनी लॉन्ड्रिंग हुई। सिंघवी ने इसे विचित्र और अद्भुत बताया, क्योंकि वास्तव में कोई पैसा या संपत्ति स्थानांतरित नहीं हुई थी।

सिंघवी ने बताया कि इस मामले में पहले ही एक चार्जशीट दायर हो चुकी थी, जो अभी राऊज एवेन्यू के स्पेशल कोर्ट में लंबित है।

प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि ईडी के एक्ट के अनुसार केवल सरकारी विभाग या अधिकारी ही शिकायत दर्ज कर सकता है, लेकिन इस केस की शुरुआत सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत से हुई थी। बाद में स्वामी ने खुद कोर्ट से इसे स्टे करवा लिया।

सिंघवी ने कहा कि चार महीने पहले उन्होंने बहस की थी कि सरकारी शिकायत न होने की वजह से ईडी इस मामले में शामिल नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि नई एफआईआर इसी कमी को ठीक करने के लिए बनाई गई है।

कांग्रेस नेता ने कहा, "केंद्र की रणनीति विपक्ष को थकाना, झूठ को सजाना और एजेंसियों को प्रभावित करना है। इस पूरे मामले में न कोई पैसे का ट्रांसफर हुआ, न धोखाधड़ी हुई और न कोई लाभ कमाया गया, फिर भी केंद्र मनी लॉन्ड्रिंग का मुद्दा बना रही है।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it