कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए जोन-क्लस्टर चिह्नित : प्रभु

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने नयी कृषि निर्यात नीति के तहत जोन और क्लस्टर चिह्नित किये हैं जिससे देश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिल सकेगा;

Update: 2019-02-15 05:32 GMT

नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने नयी कृषि निर्यात नीति के तहत जोन और क्लस्टर चिह्नित किये हैं जिससे देश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिल सकेगा। 

श्री प्रभु ने कहा कि ये जोन और क्लस्टर बंदरगाहों और हवाईअड्डों तक आसान पहुंच को ध्यान में रखते हुए चिह्नित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि नयी कृषि नीति वाणिज्य, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों ने संयुक्त रूप से बनायी है। वाणिज्य मंत्रालय किसानों और निर्यातकों की सहायता से राज्यों में ऐसे केन्द्रों की श्रंखला स्थापित करेगा जिससे किसान और निर्यातक अपने उत्पादों की उस अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रांडिंग और बिक्री आसानी से कर सकेंगे जहां उनके उत्पाद की मांग ज्यादा है। 

वाणिज्य मंत्री ने यहां तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विक्रेता सह प्रदर्शनी सम्मेलन, काजू इंडिया 2019 को संबोधित करते हुए कहा कि रोजगार सृजन खासकर महिलाओं के लिए रोजी-रोटी के और साधन मुहैया कराने और विदेशी मुद्रा अर्जित करने की खातिर काजू निर्यात को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने काजू गिरी पर सीमा शुल्क घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया है और इसे शून्य पर लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि काजू निर्यात और इसका प्रसंस्करण करने वाले प्रमुख देश भारत, वियतनाम और ब्राजील को मिलकर काम करने के साथ ही भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करते रहना चाहिए। इससे व्यवसाय में निरंतरता बनाये रखने और प्रतिस्पर्धा से बचने में मदद मिलेगी। 

इस मौके पर काजू निर्यात प्रोत्साहन परिषद के अध्यक्ष डॉ आर. के. भूदेस ने कहा कि काजू इंडिया 2019 के छठे सम्मेलन के आयोजन से काजू उद्योग को वैश्विक स्तर पर एकजुट करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा काजू उत्पादक और प्रसंस्करण करने वाला देश है। काजू का सर्वाधिक उपभोग भी भारत में ही होता है। 

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