बांग्लादेश चुनाव का शेड्यूल जल्द होगा जारी, अवामी लीग पर बैन से चिंतित मानवाधिकार संगठन ने यूएन से की हस्तक्षेप की मांग

बांग्लादेश में आम चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस हफ्ते किसी भी दिन बांग्लादेश चुनाव को लेकर शेड्यूल जारी हो जाएगा। इस बीच अवामी लीग पर चुनाव में बैन लगाए जाने को लेकर एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने चिंता जताई है;

By :  IANS
Update: 2025-12-08 08:22 GMT

बांग्लादेश में अवामी लीग पर बैन से चिंतित मानवाधिकार संगठन ने यूएन से की हस्तक्षेप की मांग

पेरिस। बांग्लादेश में आम चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस हफ्ते किसी भी दिन बांग्लादेश चुनाव को लेकर शेड्यूल जारी हो जाएगा। इस बीच अवामी लीग पर चुनाव में बैन लगाए जाने को लेकर एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने चिंता जताई है।

जस्टिस मेकर्स बांग्लादेश इन फ्रांस (जेएमबीएफ) ने संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष प्रतिवेदक (स्पेशल रैपोर्टियर) को चिट्ठी लिखकर अवामी लीग पार्टी पर बैन लगाने और चुनाव आयोग द्वारा उसका रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने पर चिंता जताई है।

संगठन ने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बहाल करने के लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की है।

मानवाधिकार संगठन ने कहा कि 12 मई को मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने देश के आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत अवामी लीग पर बैन लगाया और उसके बाद पार्टी का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया। इसकी वजह से अवामी लीग की सभी राजनीतिक गतिविधियों पर असर पड़ा है और सारी गतिविधियां रुक गई हैं।

चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि अवामी लीग के सदन, विरोध मार्च, पब्लिकेशन और सोशल मीडिया की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। इसकी वजह से पार्टी को बांग्लादेश में फरवरी 2026 के चुनावों में हिस्सा लेने से रोक दिया गया।

अवामी लीग के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर बड़े पैमाने पर हो रही कार्रवाई को लेकर जेएमबीएफ ने चेतावनी दी है कि पार्टी और उसके समर्थकों पर चल रहा दबाव नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर एक गंभीर हमला है।

स्वतंत्र पर्यवेक्षक रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा गया है कि पार्टी से जुड़े 3.5 लाख से अधिक लोगों पर राजनीतिक कारणों से मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के तख्तापलट के बाद से कम से कम 1.3 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

जेएमबीएफ ने कहा कि डेविल हंट जैसे ऑपरेशन और देशभर में पुलिस की कार्रवाई ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों, अचानक रैलियों और पार्टी मीटिंग्स को निशाना बनाया है। इसकी वजह से डर और दबाव का माहौल बना है। अंतरिम सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध (ट्रिब्युनल) एक्ट के तहत चल रहे ट्रायल का हवाला देकर अपने कामों का बचाव किया है।

संस्था ने इस बात पर जोर दिया कि “राजनीतिक विरोध को दबाने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय मानव-अधिकार मानक का उल्लंघन करता है, राजनीतिक बहुलवाद को कमजोर करता है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा है।”

जेएमबीएफ ने बांग्लादेशी अधिकारियों से अवामी लीग और उससे जुड़ी विंग्स पर लगे बैन को हटाने या कम से कम इसमें बदलाव करने की अपील की ताकि पार्टी के सदस्यों या समर्थकों को शांतिपूर्ण राजनीतिक गतिविधि, इकट्ठा होने और अपनी बात कहने की अनुमति मिल सके।

इसके अलावा, संगठन ने अवामी लीग के सदस्यों और उससे जुड़ी विंग्स के खिलाफ सभी राजनीति से प्रेरित या मनमाने आरोपों और हिरासतों को खारिज करने या इसकी समीक्षा करने की अपील की है।

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