पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान को दी चेतावनी, कहा -"अगर बातचीत असफल होती है तो बिगड़ेंगे हालात

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच दो राउंड की बैठकें बेनतीजा रही हैं। गुरुवार को इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने एक बार फिर अफगानिस्तान को चेतावनी दी;

Update: 2025-11-06 11:53 GMT

क्या अफगानिस्तान के खिलाफ जंग छेड़ेगा पाकिस्तान? रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने फिर दी युद्ध की चेतावनी

नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच दो राउंड की बैठकें बेनतीजा रही हैं। गुरुवार को इस्तांबुल में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा ने एक बार फिर अफगानिस्तान को चेतावनी दी।

मीडिया के साथ बातचीत के दौरान पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, "अगर बातचीत असफल होती है तो हालात बिगड़ेंगे। हमारे पास हमारा विकल्प है। जिस तरह से हमें निशाना बनाया जा रहा है, हम भी उसी तरह से जवाब दे सकते हैं।" उनके इस बयान पर जब मीडिया ने पूछा कि क्या आपके कहने का मतलब युद्ध है, तो पाकिस्तानी नेता ने कहा कि "हां, सिर्फ युद्ध।" हालांकि उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि अफगानिस्तान समझदारी से काम लेगा और क्षेत्र में शांति बहाल होगी।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की धरती से हम पर होने वाले हमलों पर रोक लगाना पाकिस्तान का एकमात्र एजेंडा है। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कोई बात बन सकती है? इस पर आसिफ ने कहा कि बातचीत तभी की जाती है जब प्रगति की संभावना हो। अन्यथा, यह समय की बर्बादी है।

बता दें, आसिफ इससे पहले भी कई बार अफगानिस्तान को युद्ध की धमकी दे चुके हैं। डेली टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले दोनों पक्षों के बीच हुई बैठक के दौरान पाकिस्तानी मंत्री ने कहा था कि अगर बातचीत फेल हो जाती है तो पाकिस्तान के पास अफगानिस्तान के साथ खुले संघर्ष में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्ष शांति चाहते दिख रहे हैं।

मामला सुलझाने के लिए कतर और तुर्किए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं।

इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया ने कहा था कि इस्लामाबाद एक 'थर्ड पार्टी ओवरसाइट स्ट्रक्चर' भी बनाना चाहता है, जिसकी सह अध्यक्षता तुर्किए और कतर कर सकते हैं, ताकि प्रगति की पुष्टि और नियमों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जा सके।

बता दें, पाकिस्तान शुरुआत से ही ये आरोप लगा रहा है कि टीटीपी अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के ऊपर हमले करने और अराजकता फैलाने के लिए कर रहा है। बीते कुछ समय में दोनों देशों के बीच सीमा पर हिंसक तनाव देखने को मिला है।

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