पाकिस्तान में बाढ़ को लेकर अलर्ट, 17 जुलाई तक सतर्क रहने की चेतावनी

पाकिस्तान में मानसून की बारिश के बीच अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कई जगह तेज बारिश से नदियों का पानी बढ़ सकता है। कुछ कमजोर इलाकों में बाढ़ आने की भी आशंका जताई गई है;

Update: 2025-07-12 09:03 GMT

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में मानसून की बारिश के बीच अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कई जगह तेज बारिश से नदियों का पानी बढ़ सकता है। कुछ कमजोर इलाकों में बाढ़ आने की भी आशंका जताई गई है।

पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और पंजाब की प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने लोगों से सावधान रहने और पानी भरे हुए इलाकों में जाने से बचने की अपील की है। खासकर 17 जुलाई तक अलर्ट रहने के कारण लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।

अरब सागर से आई नमी की वजह से पंजाब में मॉनसून एक्टिव है। लाहौर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे नमी (ह्यूमिडिटी) बढ़ गई है।

एनडीएमए के अनुसार, 26 जून से अब तक देशभर में मूसलाधार बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 98 लोगों की जान चली गई है और 185 अन्य घायल हो गए हैं।

पंजाब प्रांत में सबसे अधिक 37 मौतें हुईं, जिनमें 20 बच्चे शामिल हैं, इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा में 30 लोगों की जान गई।

पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अनुसार, लाहौर में तापमान न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। शहर में हल्की बारिश का भी अनुमान है, जिसके कारण पीडीएमए ने 17 जुलाई तक वर्षा और तेज हवा की चेतावनी जारी की है।

एनडीएमए के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र ने 13 से 17 जुलाई तक के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इस दौरान मॉनसून की वजह से कई इलाकों में जोरदार बारिश हो सकती है और बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है।

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु, काबुल, झेलम और चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियों में पानी का बहाव बढ़ने की संभावना है।

बलूचिस्तान के झल मागसी, कच्छी, सिबी, किल्ला सैफुल्लाह, झोब और मुसाखेल जिलों में अचानक बाढ़ आने की संभावना है। वहीं, दक्षिणी बलूचिस्तान के खुजदार, अवारन, लासबेला और कालात जिलों में भी स्थानीय बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

नदियों, नालों के पास रहने वाले लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है, खासकर भारी बारिश और रात में बाढ़ आने पर। बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों से कहा गया है कि वे सुरक्षित रास्ते पहले से देख लें और अपने कीमती सामान, गाड़ियां और पशुओं को ऊंची जगह पर रख दें।

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