सड़क पर उतरे कर्मचारियों का नहीं टूटा गतिरोध

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सड़कों पर उतरे हड़ताली जनरल ओबीसी कर्मचारी और सरकार के बीच का गतिरोध नहीं टूट रहा है;

Update: 2020-03-15 00:39 GMT

देहरादून। उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सड़कों पर उतरे हड़ताली जनरल ओबीसी कर्मचारी और सरकार के बीच का गतिरोध नहीं टूट रहा है। सरकार की ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के तमाम जिलों की तहसील, कोषागार, निर्वाचन प्रकोष्ठ में ताले जड़ दिए गए। इस कारण किसी भी सरकारी दफ्तर में कामकाज नहीं हुआ। सरकारी दफ्तरों में एकदम सन्नाटा छाया है।

जनरल और ओबीसी कर्मचारी 12 दिनों से हड़ताल पर हैं। कई दफ्तरों में आवश्यक काम होने हैं तो बहुत से कर्मचारी अफसरों के कहने पर भी काम में लगे हैं। लेकिन हड़ताली कर्मचारी उन पर भी हड़ताल में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं।

जनरल ओबीसी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रमाणपत्र बनवाने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 12 दिनों से प्रमाणपत्रों का बैकलॉग भी लगभग चार गुना बढ़ गया है। प्रमाणपत्र न बनने से बहुत से छात्र या अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह बैकलॉग लगभग तीन हजार के आसपास पहुंच गया है। ऑनलाइन आवेदन तो हो रहे हैं लेकिन आगे काम नहीं बढ़ पा रहा है। प्रमाणपत्र न बनने के कारण लोग विभिन्न सेवाओं और परीक्षाओं के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 15 तक आवेदन किए जाने थे, लेकिन आय प्रमाणपत्र न बनने के कारण लोग अपने बच्चों का दाखिला तक नहीं करा पा रहे हैं। इसी तरह विभिन्न परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी इन्हीं प्रमाणपत्रों के कारण रुके हुए हैं।

उधर, रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने जनरल ओबीसी कार्मिकों की मांग को जायज ठहराते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि कार्मिकों की हड़ताल से सरकारी कामकाज ठप है। लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को कार्मिकों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेना चाहिए।

जनरल-ओबीसी वर्ग के कार्मिकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि हड़ताल अब तभी वापस होगी, जब पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने का विधेयक पास हो जाएगा। कर्मचारियों ने सोमवार से सभी आवश्यक सेवाएं ठप करने की भी चेतावनी दी है।

एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने आईएएनएस कहा कि सरकार अब जनरल ओबीसी कार्मिक ही नहीं, बल्कि जन भावनाओं की अनदेखी कर रही है। सरकार का पूरा रुख अड़ियल है। हमसे कोई बात करने की कोशिश नहीं हो रही है। हमारी मांग है कि आरक्षण खत्म करके प्रमोशन में आरक्षण का एक्ट लाए। हमारे साथ प्रदेश के सभी विभाग है। अब तो भाजपा के 11 विधायकों ने भी हमें समर्थन दिया है। नुकसान का आकलन करना सरकार का काम है।

सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने साफ कहा कि पहले कर्मचारी हड़ताल वापस लें, इसके बाद ही सरकार कोई फैसला करेगी। हड़ताली कर्मचारियों का साफ कहना था कि प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आदेश जारी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

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