महिलाओं ने जाना योग से निरोग रहने का राज
राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा) छत्तीसगढ़ की ओर से तृतीय विश्व योग दिवस के अवसर पर महिला योग महोत्सव केन्द्र के सभागार में आयोजित किया गया;
रायपुर। राज्य संसाधन केन्द्र (प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा) छत्तीसगढ़ की ओर से तृतीय विश्व योग दिवस के अवसर पर महिला योग महोत्सव केन्द्र के सभागार में आयोजित किया गया। यह आयोजन महिलाओं की दिनचर्या में योग का महत्व विषय पर एकाग्र था। इसमें महिलाओं को योग से निरोग रहने के टिप्स बताते हुए उन्हें योग के कुछ आसन और प्राणायाम बताये गये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रशांत पांडे, सहायक संचालक, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ व अध्यक्षता दिनेश टांक, सहायक संचालक, राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ ने की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर अंतरराष्ट्रीय योग विश्वविद्यालय मुंगेर की प्रशिक्षिका एवं योगा पर आधारित ग्रंथ का उर्दू में अनुवाद कर चुकी रेहाना बेगम उपस्थित थी। सेमीनार में राज्य संसाधन केन्द्र के निदेशक तुहिन देब की विशेष उपस्थिति थी। इस अवसर पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ से डॉ. मीनाक्षी बाजपेई, अंजली शुक्ला, कृष्णा गौर, किरण शिक्षण समिति की संचालिका किरण साहू, कवियत्री शिवानी मैत्रा, राज्य संसाधन केन्द्र से रविन्द्र यादव, हेमंत श्रीवास सहित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविधालय रायपुर व पं. रविशंकर विश्वविधालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।
इसी के साथ अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम बक्तरा में राज्य संसाधन केन्द्र ने एस.ओ.एस. बालग्राम के साथ मिलकर महिलाओं की दिनचर्या में योग के महत्व पर चर्चा व योगाभ्यास के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य संसाधन केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक विनोद सिंह, एस.ओ.एस. बालग्राम की समन्वयक कुसुम पांडे व सरपंच उमाबाई साहू ने महिलाओं को संबोधित किया। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीण महिलाओं ने योगाभ्यास के साथ-साथ योग को लोकप्रिय बनाने के लिए गांव में जूलूस भी निकाला।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रशांत पांडे ने कहा कि योग का प्रादुर्भाव भारत में हुआ जिस कारण यहां योग का सबसे ज्यादा महत्व है। विश्व में योग की पहल हमारी है इसलिए जिम्मेदारी भी ज्यादा है। उन्होने कहा कि योग का संबंध शरीर से है और शरीर मन, बुद्धि, मानवता व सम्पूर्ण विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करता है। आज योग विश्व के 193 देशों में से 175 देशों में लोकप्रिय है। महिलाओं द्वारा दैनिक जीवन में किये जा रहे घरेलू कार्य भी योग का अच्छा उदाहरण है जिससे काम के साथ व्यायाम भी हो जाता है। इसलिए स्वस्थ्य रहने के लिए सभी को चौबीस धंटे में एक बार योगाभ्यास जरूर करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दिनेश टांक ने कहा कि भौतिकवादी युग में अपने शरीर का ध्यान रखने, स्वस्थ्य रहने व दीर्धायु होने के लिए योग बहुत जरूरी है। उन्होंने लोगो से आह्वान किया कि करें योग रहें निरोग। इस अवसर पर उन्होंने हम होंगे कामयाब गीत गाकर उपस्थितजनों का उत्साहवर्धन किया।
विशिष्ट अतिथि व योग प्रशिक्षिका रेहाना ने बताया कि नारी परिवार की धुरी होती है यदि महिला स्वस्थ्य है तो पूरा परिवार स्वस्थ्य रहता है। लेकिन महिलाएं धरेलू कार्यो में व्यस्त रहने के कारण अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती और अलग-अलग अवस्था में हार्मोंस के कारण शारीरिक बदलाव होने के कारण अस्वस्थ्य हो जाती हैं इसलिए महिलाओं को योग करना बहुत जरूरी है।