भूख से मरता किसान, मजदूर कौन सा योग करे : किसान मंच

विश्व योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने गुरुवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा;

Update: 2018-06-21 22:19 GMT

लखनऊ। विश्व योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने गुरुवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ किसान, मजदूर भूखों मर रहा है, तो दूसरी ओर सरकार योग दिवस के बहाने अपनी ब्रांडिंग में जनता के हजारों करोड़ रुपये पानी की तरह बहा रही है। 

शेखर ने कहा, "21 जून, 2015 का दिन आज भी मुझे याद है, जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में योग दिवस मना रहे थे और राष्ट्रीय किसान मंच ने इसका विरोध किया था। विरोध इसलिए कि उस समय प्रदेश में सूखे और ओलावृष्टि से हाहाकार मचा हुआ था और किसान लगातार आत्महत्या कर रहे थे।"

उन्होंने कहा कि आज भी हालात वैसे ही हैं। सरकार बदली, हालात जसे के तस हैं। पिछले दिनों बुंदेलखंड में कई किसानों ने कर्जमाफी न होने से आत्महत्या कर ली। पूरे प्रदेश में गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान न होने से त्राहिमाम मचा है। न योगी सरकार ने अपना वादा पूरा किया और न ही मोदी सरकार ने। किसानों के साथ किए गए धोखे से किसान परेशान हैं और चुनाव नजदीक आते ही प्रधानमंत्री किसानों से मन की बात करने लगे हैं।

शेखर ने कहा कि सरकारों को ये बताना चाहिए कि आज किसान त्रस्त हैं, बीमार हैं, वे कौन सा योग करे? सरकारों को ये भी बताना चाहिए कि जो किसान भूख से मर रहा है, वह कौन सा योग करे? 

उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों की वजह से 2014 में भाजपा सत्ता में आई, लेकिन अब उसी की ओर से किसानों और मजदूरों की उपेक्षा की जा रही है। तो क्या भाजपा के नेता सोचते हैं कि किसानों और मजदूरों की उपेक्षा करके वह 2019 में सत्ता में वापसी कर लेंगे?

किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "हम योग का विरोध नहीं करते। योग सबको करना चाहिए, लेकिन योग दिवस मनाने से पहले हमें जनता के हित के लिए भी सोचना होगा और किसानों और मजदूरों के हित के लिए सच्चे मन से काम करना होगा। सिर्फ जुमलेबाजी, झूठे वादे और योग के नाम पर खुद की ब्रांडिंग से किसानों और मजदूरों या देश का भला नहीं होगा।"

Full View

Tags:    

Similar News