कोलकाता : अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबालर लियोन मेसी के दौरे के आयोजन में कोयला तस्करी की काली कमाई के इस्तेमाल किए जाने का संदेह है। मामले की जांच कर रही ईडी के अनुसार कोयला तस्करी से जुटाए गए काले धन का विभिन्न मुखौटा कंपनियों के जरिए मेसी के दौरे में निवेश कर ‘सफेद’ करने की कोशिश की गई। मात्र 12-14 घंटों के भीतर करीब 70-80 करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन हुआ। वहीं, इस मामले में राज्य के कुछ मंत्री भी विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच के दायरे में हैं।
बड़े पैमाने पर अवैध लेन-देन
दौरे की आड़ में आयोजक व सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर अवैध लेन-देन किया। ईडी की आरंभिक जांच के अनुसार इसके पीछे लगभग 100 करोड़ रुपये का वित्तीय भ्रष्टाचार हो सकता है। आयोजन से जुड़ी मुख्य संस्था पहले से ही कोयला घोटाले में ईडी की रडार पर है। उसकी एक सहयोगी कंपनी, जिसके तार भी 2020 के कोयला तस्करी मामले से जुड़े हैं, ने करोड़ों का अग्रिम निवेश किया।
मेसी के साथ एक फोटो खिंचवाने के लिए 10 से 30 लाख रुपये लिए गए, जिसका कोई आधिकारिक रिकार्ड नहीं है। टिकटों की बिक्री में भी भारी विसंगतियां पाई गई हैं। साल्टलेक स्टेडियम की क्षमता एक लाख से अधिक होने के बावजूद आयोजकों ने केवल 50 प्रतिशत टिकटों की बिक्री का दावा किया और बाकी को मुफ्त पास बताया। ऐसा करके जान-बूझकर भारी वित्तीय नुकसान दिखाया गया ताकि काले धन को खपाया जा सके। मेसी के भारत दौरे के मुख्य आयोजक शतद्रु दत्ता फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। ईडी उनसे पूछताछ के लिए जल्द अदालत से अनुमति मांगेगी।
शतद्रु के घर पर पुलिस का छापा
पुलिस ने साल्टलेक स्टेडियम में मेसी के कार्यक्रम के कुप्रबंधन मामले में गिरफ्तार मुख्य आयोजक शतद्रु दत्ता के हुगली जिले में स्थित घर पर शुक्रवार सुबह छापामारी की। छापामारी के वक्त घर पर सिर्फ नौकरानी मौजूद थीं। पुलिस ने उससे लंबी पूछताछ की। उधर, बिधाननगर दक्षिण थाने की पुलिस ने साल्टलेक स्टेडियम में तोड़फोड़ मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तोड़फोड़ मामले में अब तक नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।