बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश : अधीर रंजन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश में बढ़ती घुसपैठ की समस्या को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है;
बुनियादी बातों से ध्यान भटकाने के लिए घुसपैठ का उठाया जा मुद्दा : अधीर रंजन चौधरी
- घुसपैठियों को लेकर सरकार की नाकामी पर कांग्रेस का सवाल
- हर चुनाव से पहले घुसपैठ का मुद्दा क्यों उठता है?
- CAA और NRC सिर्फ चुनावी हथियार हैं: अधीर रंजन चौधरी
- दीमक की तरह घुस रहे हैं घुसपैठिए, लेकिन समाधान नहीं: कांग्रेस नेता
मुर्शिदाबाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश में बढ़ती घुसपैठ की समस्या को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि घुसपैठिए दीमक की तरह भारत में घुस रहे हैं, और यह एक पुराना पैटर्न है जिसे बार-बार नए तरीके से उठाया जाता है। जब देश की जनता को नौकरी, कारोबार और आजीविका जैसे मूलभूत मुद्दों पर ध्यान चाहिए, तब सरकार घुसपैठ का मुद्दा उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।
घुसपैठ की समस्या और सरकार की जिम्मेदारी
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर घुसपैठ एक गंभीर समस्या है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? कोई भी भारतीय नागरिक यह नहीं चाहता कि घुसपैठियों को देश में प्रवेश की अनुमति दी जाए।
उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि घुसपैठियों को सीमा पर रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कोई भी विपक्षी दल या नागरिक यह नहीं कहता कि घुसपैठियों को देश में आने और उनकी मेजबानी करने की अनुमति दी जाए। फिर भी, घुसपैठ की समस्या बनी हुई है।
उन्होंने केंद्र सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार न तो घुसपैठ रोक पा रही है और न ही यह बता पा रही है कि देश में कितने घुसपैठिए मौजूद हैं।
संसद में पुराना मुद्दा, आज भी अनसुलझा
अधीर रंजन चौधरी ने 1999 की एक घटना का जिक्र किया, जब वे पहली बार 13वीं लोकसभा में सांसद बने थे। उन्होंने बताया कि उनका पहला सवाल अवैध रूप से भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में था। उस समय तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए थे। तब से लेकर आज तक घुसपैठ का मुद्दा संसद के अंदर और सड़कों पर बार-बार उठता रहा है, लेकिन इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकला। इतनी मजबूत सरकार होने के बावजूद घुसपैठ की समस्या क्यों बरकरार है?
चुनावी हथकंडा बन गया है घुसपैठ
अधीर रंजन चौधरी ने सीएए और एनआरसी जैसे कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार हर बार नए कानून बनाती है, लेकिन इनका उपयोग केवल चुनावी मौसम में जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जाता है।
जनता की चेतावनी
उन्होंने चेतावनी दी कि अगले चुनाव में भी सरकार इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेगी, जबकि देश की जनता रोटी और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों पर ध्यान चाहती है। सरकार ने घुसपैठ के मुद्दे को एक बार फिर उछालकर अगले चुनाव की शुरुआत कर दी है, लेकिन जनता अब इन हथकंडों को समझ चुकी है।