स्कूल परिसर में जलभराव व गंदगी
दशकों से स्कूल परिसर में जलभराव, भीषण गंदगी व अन्य सुविधाओं का दंश झेल रहे दर्जनों छात्र आज भी जस के तस हालात में अपना भविष्य संवरने का सपना संजोये हुए है;
रबूपुरा। दशकों से स्कूल परिसर में जलभराव, भीषण गंदगी व अन्य सुविधाओं का दंश झेल रहे दर्जनों छात्र आज भी जस के तस हालात में अपना भविष्य संवरने का सपना संजोये हुए है। वहीं तैनात अध्यापक भी ऐसी ही स्थिति में नौनिहालों को बेहतर शिक्षा देने के प्रयास में जुटे हैं।
एक तरफ सरकारें शिक्षा का स्तर बढ़ाने व सर्वशिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष करोड़ों रूपया पानी की तरह बहाकर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़े बदलाव का दावा करती नजर आती है लेकिन सब कुछ हवा-हवाई नजर आता है। जेवर विधान सभा के कस्बा रबूपुरा स्थित एक प्राथमिक विद्यालय के हालात सरकार व सरकार के रहनुमाओं द्वारा हवा में विकास के तीर चलाए जाने की हकीकत को बयां करते हैं।
मौहल्ला अम्बेड़कर स्थित प्राथमिक विद्यालय पिछले करीब दस वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। स्कूल परिसर के चारों तरफ जलभराव व भारी मात्रा में गंदगी भरी रहती है। परिसर में लम्बी घास व झाड़िया खड़ी रहती हैं, जिनमें अक्सर जहरीले कीड़े पनपते रहते है। स्कूल में बिजली, पानी, शौचालय आदि की समस्या के साथ ही एक और बड़ी दिक्कत है कि स्कूल निर्माण के बाद से ही छात्रों के स्कूल तक पहुुंचने के लिए पर्याप्त रास्ता तक मयस्सर नहीं हैं। बताया जाता है कि वहां तैनात अध्यापक इस संबंध में अधिकारियों से शिकायत कर समस्या के समाधान की मांग कर चुके हैं।
लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि आखिर क्या कारण है अनेकों बार प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बावजूद भी इस तरफ आज तक किसी का ध्यान नहीं गया। खैर कुछ भी हो फिलहाल इसमें पढ़ने वालों करीब 6 दर्जन से अधिक छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल बरकार हैं और प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस संबंध में अभी भी मूकदर्शक बने हुए हैं।