छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कमार जनजाति की पदयात्रा

 छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अत्यंत पिछड़ी कमार जनजाति के लोग अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी ग्यारह सितंबर को पदयात्रा निकालेंगे;

Update: 2018-09-03 11:11 GMT

गरियाबंद।  छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अत्यंत पिछड़ी कमार जनजाति के लोग अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी ग्यारह सितंबर को पदयात्रा निकालेंगे। वे 90 किलोमीटर की पदयात्रा कर राजधानी रायपुर में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को ज्ञापन सौपेंगे।

कमार जन जाति संगठन ने इस पदयात्रा को लेकर बताया कि वे सरकारी सुविधा से वंचित हैं, जिसमें पढ़े लिखे कमार जन जाति के युवकों को नौकरी में सीधी भर्ती और विकास के लिए लगातार फंड में कमी इत्यादि मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपैगे।

प्रदेश में गरियाबंद जिला अंतर्गत आदिवासी ब्लॉक गरियाबंद, छुरा, मैनपुर में सबसे ज्यादा कमार जनजाति की बहुलता है, जिनकी संख्या हजारों में हैं।

इसके लिए सन 1982 में कमार विकास अभिकरण का गठन किया गया है। विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रति वर्ष करोड़ों रुपए का फंड मुहैया कराती है। इसके बावजूद आज भी कमार जन जाति के लोग अभाव में है। इस जन जाति के लोगों का कहना है कि पहले की तुलना में अब विकास के लिए फंड नहीं के बराबर है। अनेक कमार जन जाति के लोगों को वन भूमि का पट्टा भी नहीं मिल पाया है।

राज्य कमार संघ के अध्यक्ष रमेश कुमार ने बताया कि अभी भी कमार जन जाति के लोग अभाव में जी रहे हैं। वे 5 सूत्रीय मांगों को लेकर गरियाबंद से राजधानी तक पैदल जन अधिकार पदयात्रा करेंगे।

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