विजाग इस्पात संयंत्र है आंध्र का विरासती गहना, इसका निजीकरण न करें : वाईएसआरसीपी सांसद

वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सदस्य वी. विजयसाई रेड्डी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को बेचने का केंद्र का फैसला कोई समाधान नहीं है;

Update: 2021-03-24 23:07 GMT

अमरावती/नई दिल्ली। वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सदस्य वी. विजयसाई रेड्डी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को बेचने का केंद्र का फैसला कोई समाधान नहीं है। उन्होंने विजाग स्टील प्लांट (वीएसपी) के प्रस्तावित निजीकरण का पुरजोर किया है। उन्होंने संसद के ऊपरी सदन में कहा, "मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वर्षो से चल रहे इस पीएसयू को बेचने के बजाय, राजस्व सृजन के लिए वह वैकल्पिक संसाधन अपनाए, जैसे कर आधार का विस्तार करना, वगैरह।"

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से वीएसपी के निजीकरण से बचने का अनुरोध करते हुए उन्होंने इस्पात संयंत्र की तुलना आंध्र प्रदेश के विरासती गहने के रूप में की।

उन्होंने कहा, "मैडम (सीतारमण) आंध्र प्रदेश की बहू हैं और आंध्र की भावना को जानती हैं। मैं वित्तमंत्री से वीएसपी के निजीकरण पर फिर से विचार करने का अनुरोध करता हूं।"

रेड्डी ने दक्षिण भारतीय महिलाओं की परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह वे आमतौर पर अपने पुरखों से मिले हुए स्वर्ण-आभूषणों को कदापि नहीं बेचती हैं, उसी तरह यह स्टील प्लांट तेलुगू लोगों के लिए विरासत में मिले सोने के गहने के समान है।

उन्होंने कहा, "दक्षिण भारतीय महिलाएं विशेष रूप से सोने को नहीं बेचती हैं। वे पारिवारिक स्वर्ण-आभूषणों को नहीं बेचेंगी। दरअसल, मैडम (सीतारमण) ने आंध्र के सोने - नवरत्न पीएसयू को बेचने का फैसला किया है, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।"
 

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