खराब वायु गुणवत्ता पर नोएडा प्राधिकरण सख्त, ग्रेप-4 के पालन को लेकर सीईओ ने ली अहम बैठक
खराब होती वायु गुणवत्ता और वर्तमान में लागू ग्रेप-4 के प्रभावी अनुपालन को लेकर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम. की अध्यक्षता में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई;
नोएडा। खराब होती वायु गुणवत्ता और वर्तमान में लागू ग्रेप-4 के प्रभावी अनुपालन को लेकर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम. की अध्यक्षता में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्राधिकरण के सभी अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जिला प्रशासन की ओर से अपर जिलाधिकारी, महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक, वरिष्ठ प्रबंधक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ही नोएडा क्षेत्र में स्थित प्रमुख आईटी कंपनियों, स्कूलों और यूनिवर्सिटीज के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया।
बैठक के दौरान सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सभी विभागों, संस्थानों और नागरिकों को सामूहिक प्रयास करने होंगे। स्कूलों, विश्वविद्यालयों और आईटी कंपनियों से भी अपेक्षा की गई कि वे प्रदूषण कम करने में अपनी भूमिका निभाएं। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को एनसीआर में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताते हुए सीईओ ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
इसके तहत परिवहन विभाग को पत्र भेजने, नोएडा क्षेत्र में ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने और प्राधिकरण के उपयोग में आने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से ईवी या हाइब्रिड में परिवर्तित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही जनस्वास्थ्य विभाग में उपयोग हो रहे बीएस-6 मानकों से कम वाहनों को अपग्रेड करने को कहा गया। शहर में ट्रैफिक जाम वाले स्थानों की पहचान कर सुधारात्मक कार्य कराने, उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण पर सख्त निगरानी रखने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।
खुले में कचरा जलाने और उद्यानिक मलबे में आग लगाने जैसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखने और वैज्ञानिक तरीके से कचरा निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। इसके अलावा, डीजल जनरेटर (डीजी सेट) के न्यूनतम उपयोग, उन्हें ड्यूल फ्यूल मोड पर रेट्रोफिट करने, सभी मुख्य सड़कों पर मैकेनिकल रोड स्वीपिंग कराने और एनसीएपी के तहत प्राप्त धनराशि के समयबद्ध उपयोग के निर्देश दिए गए। हरित क्षेत्रों के विकास के लिए सड़कों के कच्चे हिस्सों में घास या टाइल लगाने, सी एंड डी वेस्ट का वैज्ञानिक निस्तारण और प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रमों में आरडब्ल्यूए व जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी सहमति बनी।
बैठक में उपस्थित संस्थानों से धूल नियंत्रण के लिए नियमित पानी के छिड़काव, फुटपाथ व सेंट्रल वर्ज को गोद लेने (एडॉप्ट करने), और ग्रेप-3 व ग्रेप-4 की अवधि में वर्क फ्रॉम होम तथा ऑनलाइन/हाइब्रिड मोड अपनाने की अपील की गई। सीईओ ने कहा कि इन समन्वित प्रयासों से ही नोएडा की वायु गुणवत्ता में सुधार संभव है।