गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की मृत्युदंड पर रोक लगाने का अमेरिका से आग्रह

 संयुक्त राष्ट्र के दो विशेषज्ञों ने अमेरिकी सरकार से गंभीर रूप से बीमार एक व्यक्ति की मृत्युदंड पर रोक लगाने का आग्रह किया है;

Update: 2018-02-20 17:23 GMT

संयुक्त राष्ट्र।  संयुक्त राष्ट्र के दो विशेषज्ञों ने अमेरिकी सरकार से गंभीर रूप से बीमार एक व्यक्ति की मृत्युदंड पर रोक लगाने का आग्रह किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सोमवार को एक बयान में संयुक्त राष्ट्र में एक्स्ट्राज्यूडिशियल मामले के विशेष प्रतिवेदक एग्नस कैलामार्ड और प्रताड़ना व दंड मामले पर संयुक्त राष्ट्र में विशेष प्रतिवेदक नील्स मेल्जर ने चिंता जताई कि जिस डोयल ली हैम को अलाबामा में गुरुवार को मौत की सजा दी जानी है, उस पर संभवत: निष्पक्ष रूप से मुकदमा नहीं चलाया गया है। 

हैम (60) को 1987 में डकैती के दौरान एक होटल के क्लर्क की हत्या करने के मामले में दोषी ठहराया गया है और उसने कथित रूप से अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसे इस मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। 

उसे लिम्फेटिक कैंसर और बेसल सेल कार्सिनोमा है।  संयुक्त राष्ट्र की रपट के मुताबिक, कैंसर के कारण मेडिकल पेशेवरों को उसकी नस तलाशने में दिक्कत होगी। 

संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा, "हम इस बात को लेकर बेहद चिंतित हैं कि नसों में सुई लगाने के प्रयास से घातक इंजेक्शन से उसे असहनीय पीड़ा होगी, जो एक प्रकार से अत्याचार हो सकता है।" 

बयान में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि न्यायाधीशों ने गुरुवार तक नई चिकित्सा रपट मंगाई है। 

विशेषज्ञों ने कहा, "हम अधिकारियों से हैम की मौत की सजा रोकने, रद्द करने का और दोबारा मुकदमा चलाने का आग्रह करते हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करता हो, क्योंकि हमें जो सूचना मिली है, वह संकेत देती है कि उसके मुकदमे की सुनवाई सही तरीके से नहीं हुई है।" 
 

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