झांसी, मथुरा और इलाहाबाद स्टेशनों के अपग्रेडेशन का काम होगा शुरू

उत्तर मध्य रेलवे अपने तीन अति महत्वपूर्ण स्टेशनों इलाहाबाद, मथुरा एवं झांसी को उन्नत करते हुए इन्हें और आधुनिक बनायेगा।;

Update: 2018-03-22 15:17 GMT

झांसी।  उत्तर मध्य रेलवे अपने तीन अति महत्वपूर्ण स्टेशनों इलाहाबाद, मथुरा एवं झांसी को उन्नत करते हुए इन्हें और आधुनिक बनायेगा।

महाप्रबंधक एम.सी. चौहान ने कहा कि इन स्टेशनों के अपग्रेडेशन का काम तुरंत ही शुरू किया जायेगा और इन चिन्हित स्टेशनों को उन्नत करने का काम दिसम्बर 2018 तक पूरा कर जायेगा ।
बिना किसी गैर जरूरी निर्माण के स्टेशनों के स्वरूप मे कुछ इस तरह के बदलाव लाये जायेंगे जो साफ साफ दिखायी दें।

उन्होंने कहा कि इसके लिये मण्डल रेल प्रबंधक समग्र प्रारूप योजना के लिए आर्किटेक्चरल कंसलटेंट नियुक्त करेगें और स्थानीय स्टे‍क होल्डरों से फीडबैक भी लिये जायेगें।

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की विशेष टीम भी मण्डल रेल प्रबंधकों के साथ सहयोग के लिये जुड़ेगी।
औसतन प्रत्येक स्टेशन पर प्रस्तावित सुधारों के लिये रू. 15 से 20 करोड़ की लागत आयेगी।

रेलवे बोर्ड से प्राप्त निर्देशों के क्रम में भारतीय रेल के 70 स्टेशनो को पुनर्विकसित किया जाना है। ये स्टेशन “भारतीय रेल स्टेशन विकास प्राधिकरण” द्वारा पुनर्विकसित किये जाने वाले पूर्व घोषित 600 स्टेशनो के अतिरिक्त हैं और इनको अपने क्षेत्राधिकार के अनुरूप संबंधित रेल मंडलों द्वारा विकसित किया जायेगा।

रेलवे मंडल स्तर पर विकसित किये जाने वाले 70 स्टेशनों में, उत्तर मध्य रेलवे के इलाहाबाद, मथुरा एवं झांसी स्टेशन को स्टेशनो को पुनर्विकसित किया जायेगा।

रेलवे के मुताबिक स्टेशन भवन के अग्रभाग में सुधार, यातायात के अबाध आवागमन के लिए सर्कुलेटिंग एरिया में सुधार, प्लेटफार्म की सतह में सुधार, आवश्यकता के अनुरूप साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था के लिए धुलने योग्य एप्रन, कूड़े को व्यवस्थित तरीके से एकत्रित करना एवं उसका निस्तारण करना, पानी के एटीएमों के प्रावधान के साथ-साथ मौजूदा वेटिंग हॉल, वेटिंग रूम, रिटायरिंग रूम, शौचालयों आदि में सुधार किया जायेगा।

प्लेटफार्म की लम्बाई के अनुसार हर समय पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी जबकि स्टेशन अधीक्षक/स्टेशन मास्टर/उप स्टेशन अधीक्षक के कमरों से सुधार, बुकिंग एरिया एवं आगमन परिक्षेत्र में सुधार किया जायेगा।

इसके अतिरिक्त लिफ्ट एवं स्केलेटर के प्रावधान के साथ-साथ पुलों के चौड़ीकरण का प्रावधान, स्टेनलेस स्टील्स की बेंचो का प्रावधान, मॉड्यूलर कैटेरिंग कियोस्कों का प्रावधान, ट्रेस पासिंग को रोकने एवं नियंत्रण बनाये रखने के दृष्टिगत सीमावर्ती दीवार/बाड़ों का प्रावधान, सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एलईडी लाइटों का प्रावधान, दिव्यांगजनों के लिए बेहतर सुविधाओं का प्रावधान,मोबाइल फोनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट, सभी सुविधाओं की स्थिति को दर्शाता स्टे‍शन का मानचित्र, व्हीलचेयर की जानकारी को उपलब्ध कराना और महाप्रबंधक/मण्डल रेल प्रबंधक द्वारा किसी अन्य आवश्यक आइटम को भी संज्ञान में लिया जा सकता है।

 

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