उप्र : दीये से लगी आग, दुधमुंहे बच्चे सहित मां जिंदा जली
विशुनपुरा थाना क्षेत्र के बांसगांव के टोला जमुआन बैरा में सोमवार की आधी रात फूस के घर में दीये से आग लग गई। अपने तीन बच्चों को बचाने के प्रयास में एक दुधमुंहे बच्चे सहित मां की जलकर मौत हो गई;
कुशीनगर। विशुनपुरा थाना क्षेत्र के बांसगांव के टोला जमुआन बैरा में सोमवार की आधी रात फूस के घर में दीये से आग लग गई। अपने तीन बच्चों को बचाने के प्रयास में एक दुधमुंहे बच्चे सहित मां की जलकर मौत हो गई। दो अन्य बच्चे बुरी तरह झुलस गए हैं, जिनका इलाज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। जनपद के विशुनपूरा थाना खेत्र के बांसगांव के टोला जमुआन बैरा में सोमवार की आधी रात को तपेसर चौहान के फूस की झोपड़ी में आग लग गई। झोपड़ी काफी बड़ी थी। आग ने अचानक अपना रुख तेज कर लिया। झोपड़ी में तपेसर के लड़के किसुनदेव की पत्नी सुनैना अपने तीन बच्चों धन्नू डेढ़ साल, रवि तीन साल तथा बलबीर छह साल के साथ सोई हुई थी। आग की लपट से जगी सुनैना अपने बच्चों को लेकर बाहर भागना चाहती थी कि इसी दौरान उसके शरीर पर झोपड़ी के उपरी हिस्से में लगा भारी लकड़ी का हिस्सा आ गिरा।
अपने डेढ़ साल के बेटे धन्नू के साथ वह वहीं दब गई, जबकि दो अन्य रवि और बलबीर भाग कर बाहर तो निकले, लेकिन बुरी तरह झुलस गए। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि बचाव के लोगों के प्रयास नाकाफी साबित हुए। देखते-देखते सुनैना अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ आग में जलकर मर गई।
विडंबना की बात यह कि आग जब थोड़ी शांत हुई, तब तक घर में उज्ज्वला योजना के तहत मिला रसोई गैस सिलेंडर फट गया। सिलेंडर फटने की आवाज इतनी तेज थी कि गांव वाले डर गए। सिलेंडर दो टुकड़ों में फट गया था। आग की लपटें बुझते भोर हो गई।
मौके पर पहुंची विशुनपुरा पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। किसुनदेव पंजाब के लुधियाना में मजदूरी करता है और इस समय वह वहीं है। गंभीर रूप से झुलसे उसके दो बच्चे सीएचसी से जिला अस्पताल और वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिए गए हैं।