सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा में पेश

लोकसभा में सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण पर संशोधन बिल पेश;

Update: 2019-01-08 17:20 GMT

नई दिल्ली ।  मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सदन में विधेयक पेश किया।

लोकसभा में पेश हुआ 124वां संविधान संशोधन विधेयक, 2019 (आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल)। सांसदों को तीन पेज का बिल पढ़ने के लिए दिया गया।

लेफ्ट के विरोध बीच सरकार ने ट्रेड यूनियन बिल पेश किया। कांग्रेस ने बिल के पेश करने के तरीके पर उठाई आपत्ति। बिल के विरोध में लेफ्ट सांसदों ने किया सदन से वॉकआउट।

सूत्रों का कहना है कि 124 संविधान संशोधन बिल (आर्थिक आधार पर आरक्षण) का समाजवादी पार्टी ने भी समर्थन दिया ।  

मंत्रिमंडल ने ईसाई व मुस्लिमों सहित 'अनारक्षित श्रेणियों' के लोगों को नौकरियों व शिक्षा संस्थानों में दस फीसदी कोटा देने का फैसला किया है। 

इस कोटे का फायदा अनारक्षित श्रेणियों के आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आय सीमा व करीब पांच एकड़ जोत वाले लोग उठा सकेंगे।

सरकार ने इस आदेश को मंजूरी दिलाने के लिए आज लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। इसके लिए राज्यसभा की कार्यवाही को एक दिन के लिए बढ़ाया भी गया है। दोपहर 2 बजे विधेयक पर बहस हो सकती है। 

 


 

 

 

 

 

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