थमी विकास की रफ्तार, लोग हुए बेरोजगार
मोदी सरकार में एक तरफ महंगाई बढ़ती जा रही है, तो दूसरी तरफ बेरोजगारी दर में भी इजाफा हो रहा है...आंकड़े बयां कर रहे हैं कि अगस्त के महीने में लाखों लोगों के हाथ से काम छिन गया है...ना केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी लोग बेरोजगारी से बेहाल हैं;
महामारी के बीच मोदी सरकार जीडीपी बढ़ने का दावा कर रही है...बीजेपी नेता कह रहे हैं कि अच्छे दिन लौट आए हैं...लेकिन सवाल उठता है कि क्या जो सरकार कह रही है वो सब हकीकत है, क्या जनता को झूठ का आईना दिखाया जा रहा है...ये सवाल इसीलिए क्योंकि देश में जब रोजगार ही नहीं बढ़ रहा, तो जीडीपी कैसे रफ्तार पकड़ रही है...बेरोजगारी का आंकड़ा साफ बयां कर रहा है कि अगस्त के महीने में लोगों को खाली हाथ बैठना पड़ा है...देश में कारोबार की सुस्त चाल के बीच अगस्त महीने में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों से करीब 15 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में कार्यरत लोगों की संख्या 399.38 मिलियन से घटकर अगस्त में 397.78 मिलियन पर पहुंच गई...बेरोजगारी का असर ना केवल शहरी क्षेत्रों में है, बल्कि ग्रामीण इलाके भी इससे जूझ रहे हैं...इस एक महीने में केवल ग्रामीण भारत के इलाकों में करीब 13 लाख लोगों की नौकरियां चली गई...सीएमआईई के अनुसार, राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.95 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई में 8.32 प्रतिशत पर पहुंच गई....जुलाई में जहां लगभग 30 मिलियन लोग काम की तलाश में थे तो वहीं अगस्त में 36 मिलियन लोग सक्रिय रूप से काम खोजते नजर आए....रिपोर्ट पर गौर करें तो कुल श्रम बल का आकार भी बढ़ा है...दरअसल दूसरी लहर के कारण कई फर्म बंद हो गए. इन कंपनियों के बंद होने से रोजगार का बाजार सिकुड़ गया और लोगों को रोजगार मिलने में दिक्कत होने लगी...ये आंकड़े साफ बयां करते हैं कि देश में कुछ नहीं कर रही है सरकार, जिसकी वजह से लोग हो रहे हैं बेरोजगार.