अवैध मीट की दुकाने बंद

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जैसे ही विभागों का डंडा अवैध मीट की दुकानों व बूचड़खानों पर चला मीट व चिकन का स्वाद लेने वालों की जेबे भी ढीली होने लगी।;

Update: 2017-03-28 11:19 GMT

नोएडा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जैसे ही विभागों का डंडा अवैध मीट की दुकानों व बूचड़खानों पर चला मीट व चिकन का स्वाद लेने वालों की जेबे भी ढीली होने लगी। शनिवार से शहर में चलाए जा रहे अभियान में शहर के अधिकांश अवैध दुकानों को बंद कर दिया गया है। जबकि कुछ वैद्य दुकानों पर ही चिकन व मीट मिल रहा है। जिन्होंने रातों रात दामों में 10-20 रुपए नहीं बल्कि 50 रुपए तक का इजाफा कर दिया है। 
 

शहर में अवैध मीट की दुकानों को बंद करने व सर्वे के लिए 10 टीमें काम कर रही है। शुक्रवार को अभियान पर फैसला लिया गया। शनिवार व रविवार को शहर में बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर कई अवैध दुकनों को बंद कर दिया गया। वहीं, कुछ लोगों ने डर के चलते भी अपनी दुकानों के शटर बंद कर दिए। हालांकि शहर में मुख्यमंत्री के सस फैसले का विरोध नजर आता नहीं दिख रहा है। जाहिर है सोमवार को प्रदेश में कई शहरों में इस फैसले को लेकर मीट कारोबारियों ने हड़ताल की है। हालांकि विभागीय आदेशों में स्पष्ट है कि सिर्फ उन्ही बूचड़खानों व दुकानों को बंद किया जाएगा जो अवैध रूप से चल रही है।

ऐसे में जिन दुकानदारों के लाइसेंस है उन्हें बिल्कुल भी परेशान नहीं किया जाएगा। इसके इतर शहर में किए गए एक सर्वे में करीब 90 प्रतिशत मीट की दुकाने व बूचड़खाने अवैध है। सिटी मजिस्ट्रेट रामानुज ने बताया कि दो दिनों में शहर की अवैध मीट की दुकानों को बंद कर दिया गया है। वहीं, जिनके पास लाइसेंस है भी वह मानको के अनुरूप काम नहीं कर रहे है। ऐसे में उन पर कार्यवाई की जा रही है। इसका पूरा फायदा शहर के अन्य मीट शॉप मालिक उठा रहे है। उन्होंने अचानक दामों में इजाफा कर दिया है। मसलन जो चिकन बाजारों में 160 रुपए किलो बिक रहा था वह 200 रुपए किलो व मीट 400 के स्थान पर 450 रुपए किलो बिक रहा है। ऐसे में लोगों को परेशानी हो रही है। 

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