अगर ज्ञानेश कुमार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं कर सकते, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए: ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने शनिवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के ओडिशा के तीन दिवसीय दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। भक्त चरण दास ने आरोप लगाया कि मौजूदा निर्वाचन आयोग सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है और इसके चलते लोकतांत्रिक अधिकारों से समझौता किया जा रहा है;

By :  IANS
Update: 2025-12-27 06:41 GMT

ओडिशा पीसीसी प्रमुख भक्त चरण दास ने सीईसी के दौरे पर उठाए सवाल, लोकतंत्र कमजोर करने का लगाया आरोप

भुवनेश्वर। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने शनिवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के ओडिशा के तीन दिवसीय दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। भक्त चरण दास ने आरोप लगाया कि मौजूदा निर्वाचन आयोग सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है और इसके चलते लोकतांत्रिक अधिकारों से समझौता किया जा रहा है।

भक्त चरण दास ने कहा कि वर्तमान आयोग के कार्यकाल में कई राज्यों में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, जिससे नागरिकों के संवैधानिक मतदान अधिकारों का हनन हुआ है। उन्होंने दावा किया कि बिहार में लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में अदालत के आदेशों के बाद करीब तीन करोड़ नामों को कथित तौर पर मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया।

उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह की प्रक्रिया अन्य राज्यों में भी अपनाई गई है। उन्होंने इसे लोकतंत्र को कमजोर करने और गरीबों से उनके अधिकार छीनने की साजिश करार दिया।

सीईसी के पुरी दौरे और भगवान जगन्नाथ के दर्शन को लेकर भी दास ने कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कथित गलत कामों के बाद रोज़ भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से कोई पाप धुलने वाला नहीं है। भगवान जगन्नाथ पूरे ब्रह्मांड के स्वामी हैं और सब कुछ देखते हैं। ऐसे में इन लोगों के पाप यूं ही समाप्त नहीं होंगे।

भक्त चरण दास ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से नैतिक जिम्मेदारी लेने की मांग करते हुए कहा कि यदि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं कर सकते, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सीईसी को हकीकत स्वीकार करनी चाहिए। उन्हें अपनी गलतियों को सुधारना चाहिए और जरूरत पड़े तो इस्तीफा देकर जनता का भरोसा बहाल करना चाहिए, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से कराए जा सकें।

Full View

Tags:    

Similar News