प्रशासन ने रुकवाए दो बाल विवाह
कलेक्टर के0सी0 देवसेनापति के निर्देशन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के अनुसार विकासखण्ड ओड़गी में ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।;
सूरजपुर। कलेक्टर के0सी0 देवसेनापति के निर्देशन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के अनुसार विकासखण्ड ओड़गी में ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण के दौरान ग्राम भाड़ी एवं दवना में दो बाल विवाह होने की सूचना मिली, जिसकी जॉच हेतु जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण ईकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम बनाया गया और दोनो बाल विवाह रोके गये।
संयुक्त टीम के द्वारा पहले ग्राम दवना, दर्राघाट थाना झिलमिली में बालिका के निवास स्थान पर जब टीम पहुंची उस समय वर पक्ष बालिका के घर पर मौजुद थे, और वैवाहिक कार्यक्रम चल रहा था। बाल विवाह की सूचना होने के कारण बालिका के शैक्षणिक दस्तावेज की जॉच की गई।
जिसमें बालिका की आयु 18 वर्ष से कम थी तथा वर की आयु 19 वर्ष था। दोनों ने विवाह की आयु पूर्ण नहीं की थी इस कारण टीम द्वारा ग्रामीणों एवं मेहमानों के समक्ष परिवार वालों को बाल विवाह न करने की समझाईस दी गई और बताया गया की बाल विवाह कानूनन अपराध है। उक्त समझाईस के बाद बालिका एवं उसके परिवार वाले बाल विवाह न करने हेतु राजी हो गए।दूसरे बाल विवाह की सूचना पर ग्राम भांड़ी पटेलपारा थाना झिलमिली में एक बालक का बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिस पर संयुक्त टीम द्वारा बालक के घर जाकर बालक के दस्तावेज का परीक्षण किया गया। जिसमें बालक का उम्र मात्र 15 वर्ष होना पाया गया।
बालक का विवाह तय हो गया था लेकिन विवाह की तिथि निर्धारित नहीं हो पायी थी। जिस पर ग्रामीणों के समक्ष परिवार वालों को बाल विवाह न करने की समझाईस दी गई। जिस पर परिवार वाले बालक के उम्र 21 वर्ष पूर्ण होने पर ही विवाह करने को राजी हुए है। बाल विवाह रोकने हेतु संयुक्त टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, जैनेन्द्र दुबे, मनिषा निराला, उप निरीक्षक सुनिता भारद्वाज, थाने के 2 आरक्षक एवं पवन धीवर, अनिता पैंकरा उपस्थित थे।