आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर त्रिपुरा विधानसभा ने चिंता जतायी

 त्रिपुरा विधानसभा ने राज्य में आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर चिंता जतायी है और विपक्षी विधायकों ने राज्य सरकार से अशिक्षा,अपराध जैसे सामाजिक मुद्दों की ओर ध्यान देने का आग्रह किया है। ;

Update: 2017-02-22 12:16 GMT

अगरतला।  त्रिपुरा विधानसभा ने राज्य में आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर चिंता जतायी है और विपक्षी विधायकों ने राज्य सरकार से अशिक्षा,अपराध जैसे सामाजिक मुद्दों की ओर ध्यान देने का आग्रह किया है। 

कांग्रेस विधायक रतनलाल नाथ ने यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की वजह से राज्य में सामाजिक अशांति,कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात,भाई-भतीजावाद की स्थिति और राज्य में बेरोजगारी एवं सामाजिक भेदभाव की वजह से यहां आत्महत्या के मामलों में बढ़ोत्तरी हुयी है। 

इस मुद्दे पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुये मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कहा कि त्रिपुरा में दिसंबर 2016 में 48 लोगों ने आत्महत्या की और जनवरी 2017 में 50 लोगों ने आत्महत्या की। वहीं 2014 में कुल 650 लोगों ने आत्महत्या की जिसमें 96 छात्रों और 221 महिलायें शामिल हैं। 

उन्होंने कहा कि 2015 के दौरान आत्महत्या के मामले बढ़कर 740 हो गये जिसमें 79 छात्र और 271 महिलायें शामिल थे। त्रिपुरा के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज रिपोर्टों के आधार पर 2016 में यह आंकड़ा थोड़ा कम हो गया। इस वर्ष 673 लोगों ने आत्महत्या की जिनमें 68 छात्र और 223 महिलायें शामिल हैं। 

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