2004 में आई सुनामी की 14वीं बरसी पर मृतकों को श्रद्धांजलि दी

वर्ष 2004 में आई सुनामी की 14वीं बरसी पर आज तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में इस भयानक प्राकृतिक आपदा में मारे गए;

Update: 2018-12-26 18:35 GMT

चेन्नई । वर्ष 2004 में आई सुनामी की 14वीं बरसी पर आज तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में इस भयानक प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी। 

सुनामी की भयावह समुद्री लहरें वर्ष 2004 में आज ही के दिन 26 दिसंबर को अपने साथ हजारों लोगों को बहाकर ले गयी थीं। सुनामी के कारण चेन्नई, तिरुवल्लुर, कुड्डालूर, नागापट्टिनम और कन्याकुमारी जैसे तटवर्तीय जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। सुनामी के कारण राज्य में आठ हजार से अधिक लोग मारे गए थे। इस भयावह प्राकृतिक आपदा की यादें आज 14 वर्ष बाद भी लोगों के दिलों में ताजा हैं। 

मछली पकड़ने वाले अधिकतर क्षेत्रों में मछुआरे 26 दिसंबर का दिन काला दिवस के रूप में मनाते हैं। सुनामी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ जिलों में मछुआरे समुद्र से दूर रहे। 

एक मछुआरे ने कहा, “ हालांकि यह त्रासदी 14 साल पहले हुई थी, लेकिन यह अभी भी हमारी स्मृति में ज्वलंत है जैसे कि यह आज ही हुआ था।” 

नेताओं और जिलाधिकारियों ने सुनामी स्मारकों पर जाकर इस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। 

नागापट्टिनम जिले के वेदारण्यम में राज्य सरकार के मंत्री ओ एस मनियन ने पुष्पांजलि अर्पित कर और मोमबत्तियां जलाकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। 

चेन्नई के मरीना बीच पर मछुआरों समेत बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्र होकर सुनामी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। 

राज्य के मछली पालन मंत्री डी जयकुमार ने मछुआरों के साथ कासीमेदु में सुनामी पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। 

सुनामी से सबसे ज्यादा प्रभावित तटवर्ती नागापट्टिनम जिले में वेलाकन्नी चर्च से लोगों ने शांतिपूर्ण रैली निकालकर भयानक प्राकृतिक आपदा का शिकार हुए लोगों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। नागापट्टिनम जिले में सुनामी की लहरों की चपेट में आने से 6500 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। 

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