एयरलायंस और टैक्सी वालों के हाथों लुटने को मजबूर हो पर्यटक व अमरनाथ श्रद्धालु
कश्मीर छोड़ने के सरकारी फरमान का सबसे अधिक ख्मियाजा अमरनाथ श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा हैं;
जम्मू। कश्मीर छोड़ने के सरकारी फरमान का सबसे अधिक ख्मियाजा अमरनाथ श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है जिन्हें मुंह मांगें दामों पर हवाई टिकटें खरीदनी पड़ रही हैं और टैक्सी वालों के किराए भरे पड़ रहे हैं। सरकारी एजेंसियां उन्हें सिर्फ होटलों से बाहर निकाल कर अपने फर्ज की इतिश्री कर रही हैं।
एक यात्री सोमनाथ ने बताया कि हमें श्रीनगर से दिल्ली जाने के लिए प्रति व्यक्ति 12,000 रुपये का भुगतान करना पड़ा। खंडेलवाल ने बताया कि सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद मैंने बीच में ही अपनी अमरनाथ यात्रा रोक दी और वापस जाने का फैसला किया।
एक अन्य यात्री दीलिप ने कहा कि हमने अमरनाथ यात्रा पूरी कर ली। जिस पल हमने शाम 4.30 से 5 बजे के बीच पहलगाम में पहुंचे, हमें अमरनाथ श्राइन बोर्ड और सीआरपीएफ के अधिकारियों द्वारा कश्मीर को जल्द से जल्द छोड़ने के लिए कहा गया था। हमने फिर एक कैब बुक करने की कोशिश की। लेकिन, वहां एक नियम है कि वे सुरक्षा कारणों से दोपहर 2 बजे के बाद कैब को श्रीनगर जाने की अनुमति नहीं देते हैं।
बहुत भ्रम की स्थिति थी। हमारा मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था। खुशकिस्मती से हम श्रीनगर के लिए एक टैक्सी मिली और हम तीन-चार घंटे के बाद वहां पहुंचे लेकिन मोटा किराया चुकाने के बाद।
सिर्फ टैक्सी वाले ही नहीं बल्कि एयरलाइंस भी यात्रियों की जेबों पर डाका डाल रही हैं। श्रीनगर से दिल्ली के लिए एक-तरफा हवाई यात्रा के लिए इंडिगो, स्पाइसजेट, गो एयर और एयर एशिया जैसी कम लागत वाली एयरलाइंस भी 10,000 रुपये से लेकर 22,000 रुपये तक चार्ज कर रही हैं। जबकि सामान्य किराया लगभग 3,000 रुपये होता हैं।
शनिवार और रविवार को श्रीनगर से आने वाली उड़ानों के साथ कई एयरलाइनों के वेब पोर्टलों ने दिखाया कि लगभग सभी सीटें बुक कर दी गई है। उनमें से महज कुछ ही बची हुई हैं। सरकार के एलान के बाद से हर कोई तनावग्रस्त और एक चिंतित है।