देश की रिसाइक्लिंग इकाइयों के अस्तित्व पर खतरा : एएनएमए
भारत के साथ मुक्त व्यापार संधि वाले आसियान देशों से तैयार माल का आयात भी भारी पैमाने पर बढ़ेगा ;
अहमदाबाद। ऑल इंडिया नॉन फेरस मेटल एसोसिएशन (एएनएमए) ने आज आरोप लगाया कि सरकार वेदांता और हिंडाल्को जैसी निजी क्षेत्र की बड़ी एल्युमिनम उत्पादक कंपनियों के दबाव में स्क्रैप एल्युमिनियम के आयात पर शुल्क को मौजूदा 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत करना चाहती है और ऐसा हुआ तो देश भर में एल्युमिनम के पुनर्चक्रण यानी रिसाइक्लिंग इकाइयों के डेढ़ लाख कामगार बेकार हो जायेंगे।
एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र शाह और सचिव जयंत जैन ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसा किया गया तो एल्युमिनम के कबाड़ के आयात पर आधारित देश की 3500 रिसाइक्लिंग इकाइयों के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की बड़ी एल्युमिनियम कंपनियां दसअसल हमारे कारोबार को चौपट कर अपना मुनाफा और धंध बढ़ाना चाहती हैं और इसके लिए झूठमूठ में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और रिसाइक्लिंग उद्योग के एल्मयुमिनियम की हल्की गुणवत्ता की बात कर रही हैं।
हमारे उत्पाद की गुणवत्ता अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है और इसीलिए मारूति, होंडा, हीरो और टोयोटा जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां इसे खरीद रही है।