ये सच पर हमले का दौर है : विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, कि हम उस दौर में जी रहे हैं, जब सच बोलने पर हमला किया जा रहा है;
नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, कि हम उस दौर में जी रहे हैं, जब सच बोलने पर हमला किया जा रहा है। हर उस आवाज को दबाया जा रहा है, जो विरोध में खड़ी हो रही है, छात्रों पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, बुद्धिजीवियों की हत्या की जा रही है, अब हमला पत्रकारों पर भी शुरु हो गए हैं, गौरी लंकेश उसका उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री विजयन देलही यूनियन आफ जर्नलिस्ट व नेशनल एसोसिशन आफ जर्नलिस्ट द्वारा ‘लोकतंत्र के खतरे’ विषय पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, कि इस समय कुछ मिडिया घरानों द्वारा केरल को निशाने पर लिया जा रहा है, इसका कारण साफ है, समाजवाद और लोकतंत्र के लिए सबसे पहले केरल ने ही आवाज उठाई है। उन्होंने कहा, कि केरलवासी भले ही राजनैतिक मतभिन्नता रखते हों, पर राज्य पर होने वाले किसी भी हमले का वह डटकर मुकाबला करता है।
2016 में केरल की तुलना सोमालिया से की गई वहीं नोटबंदी के समय वहां के सहकारिता आंदोलन के बदनाम करने की कोशिश की गई। विजयन ने कहा, मानव संसाधन की नजर से देखा जाए, तो केरल देश का सबसे विकसित प्रदेश है, यहां के सहकारी आंदोलन ने लोगों को आर्थिक सम्पन्नता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसीलिए जब सहकारिता आंदोलन को काले धन का अड्डा बताने की कोशिश की गई, तो लोगों ने उसका प्रतिकार किया, इसी तरह जब केन्द्र सरकार ने बीफ खाने और जानवर बेचने पर रोक लगाने की कोशिश की, तो उसका भी विरोध सबसे पहले केरल में ही शुरु हुआ।
केरल की हिंसा पर बात करते हुए उन्होंने कहा, कि इसे मीडिया में इस तरह प्रचारित किया जा रहा है, जैसे वहां लगातार हत्याएं हो रही हैं, सोशल मीडिया पर भी इसे जमकर प्रचारित किया जा रहा है, भाजपा द्वारा प्रायोजित यात्रा पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, कि केरल की जनता को बचाने उन राज्यों के मुख्यमंत्री वहां आए , जिनके राज्यों में किसान और बच्चे बेमौत मर रहे हैं। उन्होंने बताया, कि भाजपा ने वहां लव जिहाद, इस्लाम आतंकवाद को मुद्दा बनाने की कोशिश की, उन्होंने मुस्लिम बहुल सीट वेंगरा में ध्रुवीकरण करने की पूरी कोशिश की, जहां उपचुनाव हो रहा था, आज जो परिणाम आया है, उससे पता चला है, भाजपा के वोट पिछली बार से भी कम हो गए।
विजयन ने संघ पर आरोप लगाते हुए कहा, कि कुन्नूर का इतिहास बताता है, कि यहां हिंसा की शुरुआत संघ परिवार ने की और अभी तक वहां मरने वाले राजनैतिक कार्यकर्ताओं में वामपंथी अधिक हैं। सेमिनार को सिद्धार्थ वरदरान, जान दयाल, सीमा मुस्तफा सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। संचालन डीयूजे के अध्यक्ष एसके पांडेय ने किया, अतिथियों का स्वागत सुजाता मधोक ने किया। इस अवसर पर नेशनल एसोसिएशन फार जर्नलिस्ट के विधिवत गठन का भी ऐलान किया गया, इसमें अलग-अलग राज्यों की 7 यूनियन एक साथ आई हैं।