फिर शर्मसार हुई मां की ममता

एक तरफ सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान को सक्षम करने के लिए लिंगानुपात में हो रही बढ़ोत्तरी पर का नारा देकर बेटियों के प्रति लोगों को मानसिकता को बदलने का प्रयास कर रही है;

Update: 2018-01-30 14:30 GMT

पलवल।  एक तरफ सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान को सक्षम करने के लिए लिंगानुपात में हो रही बढ़ोत्तरी पर का नारा देकर बेटियों के प्रति लोगों को मानसिकता को बदलने का प्रयास कर रही है और इस पर करोड़ों रुपए का बजट देकर खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ लोगों को मानसिकता बेटियों के प्रति बदलने का नाम नहीं ले रही है।

ताजा मामला पलवल का है जहां गांव बहरोला स्थित ऐबल चेरिटेबल अस्पताल के गेट के बाहर एक नवजात बच्ची कंबल में लिपटी हुई पाई गई।

बच्ची के रोने की आवाज सुनकर चौकीदार बाहर आया और मामले की सूचना अस्पताल में स्थित प्रेम घर अनाथालय को दी। जहां पर बच्ची को रखा गया और मामले की सूचना बाल कल्याण समिति को दी गई।

बाल कल्याण समिति से अल्पना मित्तल ने बताया कि सूचना मिलते ही वह प्रेमघर अनाथालय पहुंच गई और बच्ची को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां बच्ची को प्राथमिक उपचार दिया गया। फिलहाल बच्ची बिल्कुल स्वस्थ्य है और उसे अब फरीदाबाद भेजा जाएगा और एक महिने तक बच्ची के माता-पिता का पता लगाया जाएगा। यदि एक महिने तक बच्ची के माता-पिता का पता नहीं चलता है तो उसे किसी को गोद दे दिया जाएगा।

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