कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ 16 अप्रैल को कोयला उद्योग में हड़ताल

केन्द्र सरकार द्वारा कमर्शियल माइनिंग का फैसला कर कोल इंडिया के एकाधिकार को पूरी तरह समाप्त करने की खिलाफत में श्रम संगठन लामबंद हुए हैं;

Update: 2018-03-06 11:12 GMT

कोरबा । केन्द्र सरकार द्वारा कमर्शियल माइनिंग का फैसला कर कोल इंडिया के एकाधिकार को पूरी तरह समाप्त करने की खिलाफत में श्रम संगठन लामबंद हुए हैं। फैसले के खिलाफ कोयला उद्योग में कार्यरत श्रम संगठनों एटक, भारतीय मजदूर संघ, सीटू व हिन्द मजदूर सभा ने 16 अप्रैल को एक दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

इस संबंध में एटक के राष्ट्रीय सचिव दीपेश मिश्रा ने बताया कि रविवार को दिल्ली में चारों संगठनों के प्रमुखों की बैठक हुई। सभी ने सर्वसम्मति से हड़ताल का निर्णय लिया है। संयुक्त श्रम संघों ने कमर्शियल माइनिंग के फैसले पर सरकार को पुन: विचार करने के लिए कहा है। श्री मिश्रा ने कहा है कि कमर्शियल माइनिंग के फैसले से कोल इंडिया पूरी तरह तबाह हो जाएगा।

चार दशक पहले देश में कोयले की जरूरत को महसूस करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत कोल इंडिया का गठन किया गया और तबसे निर्विवाद गति से कोल इंडिया ने आज तक देश की कोयला जरूरतों को पूरा किया है। इसके विपरीत केंद्र सरकार ने बहुराष्ट्रीय कंपनियां और चुनिंदा उद्योग घरानों के इशारे पर कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग का ऐलान कर दिया  है जिसका एटक पुरजोर विरोध करता है।

दीपेश मिश्रा ने कहा है कि कमर्शियल माइनिंग पर हम सरकार से किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते हैं बल्कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार कर इसे वापस ले अन्यथा भीषण संघर्ष होगा। श्रमिक संगठन किसी भी शर्त में सरकार के कमर्शियल माइनिंग के फैसले को लागू नहीं होने देगी क्योंकि यह कोयला मजदूरों के लिए आत्मघाती फैसला है, इस पर कोई समझौता होने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। 

एटक ने निकाली शव यात्रा -कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ 2 मार्च को एटक द्वारा कोयला मंत्रालय की नीतियों की शव यात्रा निकालकर जीएम चौक पर अंतिम संस्कार किया गया। यहां सभा में दीपेश मिश्रा ने कहा कि इस सरकार ने अपने कार्यकाल में सिर्फ  जन विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों को ही आगे बढ़ाने का काम किया है। सभा को धरमा राव, उमेश शर्मा ने भी संबोधित किया।

इस मौके पर कामरेड एन के दास, राजू श्रीवास्तव, राजेश पांडे, एनके साव, सुभाष सिंह, रेवत मिश्रा, रमाकान्त, मृत्युंजय, लाल बाबू सिंह, प्रमोद सिंह, मुनि राम, फजल खान, ज्ञान चंद साहू, सुनील राठौर, मुकुंद राम, सौखीलाल चंद्रा, जेएल चन्द्रा, ज्वाला प्रसाद राठौर, कृष्ण कुमार तिवारी, प्रमोद धर दीवान, अरुण राठौर, देवेंद्र पाल सिंह, राजेश दुबे, घनश्याम त्रिपाठी, अशोक रजक, जॉय मुखर्जी, बेद राम, एसडी शर्मा, रंजन राम, उज्जवल बनर्जी आदि भी उपस्थित थे।

ठेका मजदूरों को 5 लाख एक्सग्रेसिया पर सहमति- कोल इंडिया अपेक्स कमेटी की बैठक रविवार को कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में मानकीकरण कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया जिसमें कोल फेडरेशन एटक, सीटू, भारतीय मजदूर संघ एवं हिंद मजदूर सभा के एक-एक प्रतिनिधि एवं सभी अनुषंगी कंपनियों के निदेशक कार्मिक सदस्य, कोल इंडिया के कार्मिक निदेशक इस कमेटी के सचिव तथा एनसीएल के सीएमडी मानकीकरण कमेटी के अध्यक्ष होंगे। एटक के दीपेश मिश्रा ने बताया कि बैठक मेें ठेका मजदूरों को भी 5 लाख रूपए एक्सग्रेसिया सैद्धांतिक रूप से खान दुर्घटना में देने की सहमति बन गई है। इसके लिए प्रबंधन इस प्रस्ताव को बोर्ड में पास कराने की जिम्मेदारी ली है। 

इसी प्रकार बीसीसीएल के पीसरेटेड ट्रामर के वेतन संरक्षण सहित कई निर्णय लिए गए। बैठक में एटक से रमेंद्र कुमार, सीटू से डीडी रमानंदन, हिंद महासभा से नाथुलाल पांडे तथा भारतीय मजदूर संघ से डॉ. बीके राय उपस्थित थे।

भू-विस्थापित फूंकेंगे महाप्रबंधकों का पुतला -एसईसीएल की कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका परियोजना से प्रभावित भू-विस्थापितों के द्वारा लगातार मांगों और वार्ताओं के बाद भी प्रबंधन द्वारा टाल-मटोल का रवैया अपना जा रहा है। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित कल्याण समिति ने मांगों के पूर्ण नहीं होने के लिए क्षेत्र के महाप्रबंधकों को जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि वे संबंधित प्रस्ताव मुख्यालय स्तर पर रखते ही नहीं बल्कि झूठा आश्वासन देकर गुमराह करते हैं।

इस तरह का आरोप लगाते हुए भू-विस्थापितों ने तय किया है कि 9 मार्च को चारों महाप्रबंधकों का पुतला उनके क्षेत्र कार्यालय के समक्ष दहन किया जाएगाा। भू-विस्थापितों की अलग-अलग टीम इस काम को अंजाम देगी। समिति के सचिव दीपक साहू ने बताया कि पुतला दहन के  बाद अप्रैल के प्रथम सप्ताह महाप्रबंधकों के निवास का घेराव अनिश्चितकाल के लिए किया जाएगा। 
 

Tags:    

Similar News