संसद के सत्र की तारीखों में फेरबदल पहले भी होते रहे: नकवी

मुख्तार अब्बास नकवी ने संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ही होने का आज स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पहले भी अहम चुनाव होने पर संसद के सत्र की तारीखों में फेरबदल किया गया है।;

Update: 2017-11-21 18:21 GMT

नयी दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ही होने का आज स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि पहले भी अहम चुनाव होने पर संसद के सत्र की तारीखों में फेरबदल किया गया है।

 नकवी ने यहां यहां संवाददाताओं से बातचीत में संसद का सत्र बुलाने में विलंब के लिए मोदी सरकार की आलोचना करने वाली कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र को लेकर उसका रिकार्ड दागी है । उन्हाेंने कहा ‘कांग्रेस ने आपातकाल के समय संसद पर ताला लगवा दिया था तथा संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट कर दिया था । इसलिए वह हमें संसदीय लोकतंत्र का पाठ न पढ़ाये । ’

संसदीय कार्य मंत्री रहे नकवी ने कहा कि जब -जब अहम चुनाव होते हैं ,सांसद एवं राजनीतिक दलों के नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त होेने के कारण खुद ही संसद का सत्र टालने की अपील करते हैं और इसकी तिथियों में बदलाव किया जाता रहा है । उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि शीतकालीन सत्र गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद हो। 

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कह कि यदि गुजरात चुनाव में उसे कोई पूछ नहीं रहा है तो यह उसकी समस्या है ।  इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव ने भी शीतकालीन सत्र में विलंब को लेकर कांग्रेस की आलोचनाओं पर सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि शीतकालीन सत्र टाला जाना असामान्य नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कल सरकार पर आरोप लगाया था कि वह रक्षा सौदों तथा भ्रष्टाचार को लेकर सवालों से बचने के लिए बिना किसी ठोस कारण के शीतकालीन सत्र को टाल रही है।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ,राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और दीपेंद्र हुड्डा ने भी आज संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल पर सीधा हमला करते हुए कहा कि उसे चुनाव की चिंता है लेकिन संसद की नहीं।

 

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