मंत्रियों सांसदों युक्त भाजपा की दूसरी सूची में दिखी भाजपा की हार की बौखलाहट
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है;
By : गजेन्द्र इंगले
Update: 2023-09-26 23:24 GMT
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस दूसरी सूची में कई चौंकाने वाले नाम भी सामने आये हैं। सबसे बड़ी बात जो इस समय मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों मैं चर्चा का विषय है वह है सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में उतारना। भाजपा ने इन केंद्रीय मंत्री और सांसदो को बनाया विधानसभा उम्मीदवार
-
नरेंद्र सिंह तोमर
-
फग्गन सिंह कुलस्ते
-
प्रहलाद पटेल
-
कैलाश विजय वर्गीय
-
राकेश सिंह
-
गणेश सिंह
-
रीति पाठक
-
उदय प्रताप सिंह
भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों और 5 सांसदों को विधानसभा के रण में उतारकर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को और अधिक दिलचस्प बना दिया है। भाजपा के इस कदम से यह भी स्पष्ट हो गया है कि इस बार का चुनाव भाजपा के लिए कड़ी अग्नि परीक्षा है और जो बात अनेक चुनाव सर्वे में कही जा रही है भाजपा की दूसरी सूची ने उस पर मोहर लगा दी है। चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर हैं जिन्हें परम्परा के विपरित भाजपा चुनाव में उतार रही है। नरेंद्र तोमर को मोदी कैबिनेट के कुछ सबसे महत्वपूर्ण और दमदार मंत्रियों में गिना जाता है। परिस्थितियां कितनी गंभीर हैं इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पार्टी ने स्थिति को काबू करने के लिए केन्द्र के इस दमदार चेहरे को विधानसभा के रण में उतारने का निर्णय लिया है।
सूची में सांसदों व दिग्गज केंद्रीय मंत्रियों का होना भाजपा के हार के डर को दिखा रहा है। भाजपा विधानसभा चुनाव के माहौल से किस तरह भयभीत और बेचैन है इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उसने अपने सेनापति को ही अर्थात विधानसभा के चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक नरेंद्र तोमर को ही विधानसभा चुनाव की एक सीट से प्रत्याशी घोषित करके सबको चौंका दिया है।
अब इस बात के भी कयास लगने शुरू हो गए हैं कि पार्टी कुछ और बड़े नामों अर्थात केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार सकती है। जैसा कि सर्वविदित है कि ग्वालियर अंचल सहित प्रदेश की कई सीटों पर एक से अधिक चेहरे टिकिट मांग रहे हैं और सिर फुटव्वल के हालात हैं। दूसरा कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां विपक्षी प्रत्याशी इतना प्रबल दिख रहा है कि उसके खिलाफ जो चेहरे टिकिट मांग रहे हैं वो दमदार नहीं दिखाई दे रहे।
ऐसे हालात में अब इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यहां से कोई केंद्रीय मंत्री या सांसद को मैदान में उतारने का निर्णय पार्टी ले यदि ऐसा होता है तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पार्टी मैदान में उतार सकती है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा जिस प्रतिकूल होती स्थिति के लिए इतने कड़े निर्णय ले रही है वह उस स्थिति को अनकूल कर पाएगी ? क्या बड़े चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने से शिवराज सिंह के खिलाफ निर्मित एंटी इंकम्बेनसी समाप्त हो जाएगी ? फ़िलहाल तो इस सूची में दिग्गज मंत्रियों सांसदों के नाम यही बयां कर रहे हैं कि भाजपा के जीत की राह आसान नहीं है।