नदियों में आने वाली बाढ का मुद्दा राज्यसभा में उठा

राज्यसभा में आज सदस्यों ने मानसून के दौरान नदियों में आने वाली बाढ और उससे होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया तथा सरकार से इस दिशा में कार्रवाई करने के मांग की;

Update: 2019-07-30 13:38 GMT

नई दिल्ली । राज्यसभा में आज सदस्यों ने मानसून के दौरान नदियों में आने वाली बाढ और उससे होने वाले नुकसान का मुद्दा उठाया तथा सरकार से इस दिशा में कार्रवाई करने के मांग की । 

भारतीय जनता पार्टी के शिव प्रताप शुक्ल ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि मानसून के दौरान उत्तर भारत की अधिकांश नदियों में बाढ आती है और इससे हजारो गांव प्रभावित होते हैं । उन्होंने नदियों से गाद निकालने की मांग करते हुए कहा कि गाद के कारण नदियां उथली होती जा रही है । गर्मी में नदियां सूख जाती है । कुछ नदियां तो गायब होते जा रही है ।

शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढिंढसा ने घध्घर नदी में आयी बाढ से पंजाब के किसानों का हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की । इस नदी में सुधार के लिए 137 करोड़ रुपये की परियोजना बनायी गयी थी और इसके पहले चरण को पूरा किया गया था लेकिन इसके दूसरे चरण का काम राशि के अभाव में नहीं हो रहा है । 

समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के इटावा , मैनपुरी और ओरैया जिले में कई नदियों के होने के बाद भी भूगर्भ जल के स्तर के गिरने का मुद्दा उठाया । उन्होंने कहा कि तालाबों को पुनर्जीवित नहीं किया जा रहा है और जल संकट के कारण पशुओं की कई नस्ले खत्म हो रही है । 

कांग्रेस के जयराम रमेश ने नदियों को जोड़ कर जल संरक्षण करने पर जोर दिया । नदियों को जोड़े जाने से मानसून के दौरान अतिरिक्त जल को बचाया जा सकता है । भाजपा के राकेश सिन्हा ने मेघालय के कानकान गांव में बच्चों के जन्म पर बनाये जाने वाले धुन के संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की । उन्होंने कहा कि बच्चों के जन्म पर सदियों से धुन बनाने का प्रचलन है जिसके सांस्कृतिक संरक्षण की जरुरत है । उन्होंने इन धुनों को रिकार्ड किये जाने की मांग की । 

कांग्रेस के मोतीलाल बोरा ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वेतन कटौती को वापस लेने की मांग की । उन्होंने कहा राष्ट्रपति ने इसरो के वैज्ञानिकों के वेतन वृद्धि का आदेश दिया था । वैज्ञानिक संगठनों ने इसका विरोध किया है । उन्होंने कहा कि वेतन कटौती से 16 हजार वैज्ञानिक प्रभावित होंगे । 
बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने लीज पर खेती करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को बैंक रिण नहीं मिलने का मुद्दा उठाया जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम ने मणिपुर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज को कालाबाजारी में बेचने का आरोप लगाया । 
तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन पुनिया ने राज्यों के रिण संकट का मामला उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल इससे बुरी तरह प्रभावित है । राज्य सरकार आर्थिक विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है । उन्होंने केन्द्र सरकार से मदद दिये जाने की मांग की । 
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के के रागेश ने भारतीय खाद्य निगम के आर्थिक संकट के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि उसके सब्सिडी का भुगतान किया जाना चाहिए । इसके कारण वहां अशांति का माहौल है । 

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