बहादुर महिलाओं का इतिहास सामने आना चाहिए : राम नाईक

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को बेगम हजरत महल स्मृति दिवस पर बेगम हजरत महल पार्क जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की;

Update: 2018-04-07 22:01 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को बेगम हजरत महल स्मृति दिवस पर बेगम हजरत महल पार्क जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश के प्रति बलिदान करने वाली बहादुर महिलाओं का इतिहास सामने आना चाहिए। जो देश अपना इतिहास भूलता है, वह भविष्य निर्माण नहीं कर सकता। राज्यपाल ने संस्था को बधाई देते हुए कहा कि 1857 में बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए युद्ध किया। अंग्रेजों ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता समर को बगावत बताया था। 

उन्होंने कहा, "भारत विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र है, जहां सभी को मतदान का अधिकार प्राप्त है। मतदान से सरकारें बनती हैं और बिगड़ती भी हैं। कठिन परिश्रम से स्वराज प्राप्त हुआ है तो स्वराज को सुराज में परिवर्तित करने के लिए छोटे-छोटे मतभेदों को भुलाकर देश के निर्माण का संकल्प लें, यही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।"

नाईक ने कहा कि देश का सही इतिहास आम लोगों तक पहुंचना चाहिए। बुजुर्गो को बेगम हजरत महल की कहानी मालूम है पर युवाओं को भी उसकी जानकारी होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि बेगम हजरत महल में अभूतपूर्व संगठन शक्ति थी। सन् 1857 में तात्या टोपे, नाना फड़णवीस, मंगल पांडे, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जैसे क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से युद्ध किया और देश की खातिर बलिदान दिया। 

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