गवाही के लिए दोबारा तैयार हुआ राम रहीम का पूर्व चालक
साध्वी बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा भुगत रहे हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की हत्या के दो मामलों में आज सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई शुरू हुई;
पंचकूला। साध्वी बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा भुगत रहे हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की हत्या के दो मामलों में आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में सुनवाई शुरू हुई।
हरियाणा में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा भुगत रहे राम रहीम को इस मामले में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अदालती कार्यवाही में शामिल किया गया।
राम रहीम पर एक सांध्य दैनिक के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और सेवादार रणजीत सिंह की हत्या में शामिल होने का आरोप है। इन मामलों में डेरा प्रमुख के पूर्व चालक खट्टा सिंह ने अदालत के समक्ष फिर से गवाही देने का अनुरोध किया है।
अदालत ने अगली सुनवाई 22 सितम्बर तय की है और उस दिन यह तय किया जायेगा कि पूर्व चालक दुबारा गवाही दे सकता है अथवा नहीं।
दोनों हत्या के मामले में आज बाकी सभी सातों आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश किया गया।
खट्टा सिंह ने कहा,“ मैं पहले डर गया था कि कहीं मुझे और मेरे बेटे को वह मार न डाले। उसका कहना था कि हमें धमकी भी दी गयी थी।खट्टा सिंह 2012 में अपने 2007 के बयान से पलट गया था।”
पत्रकार हत्या मामले में किरशन लाल और कुलदीप को अदालत में पेश किया गया, दूसरे मामले में सेवादार रणजीत सिंह की हत्या के आरोप में अवतार सिंह इन्द्रसेन सबदिल किरशन लाल और जसबीर को अदालत के समक्ष लाया गया।
सिरसा के एक सांध्य दैनिक ‘पूरा सच‘ के पत्रकार छत्रपति डेरा के बारे में खबरें छापते रहते थे। पत्रकार ने एक गुमनाम पत्र छापकर डेरा में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न को उजागर किया था।
छत्रपति की अक्टूबर 2002 में हत्या कर दी गयी थी। रणजीत सिंह की हत्या भी महिलाओं के यौन उत्पीडन से जुड़ी हुई है। उसकी हत्या 10 जुलाई 2002 को की गयी थी।
हत्या के दोनों मामलों में राम रहीम सीबीआई की प्राथमिकी में मुख्य साजिशकर्ता के रुप में नामजद है।
इनके परिवारों के अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद नवम्बर 2003 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मामला सीबीआई को सौंपा था।
सीबीआई ने 30 जुलाई 2007 को आरोपपत्र दाखिल किया। राम रहीम इन मामलों में यदि दोषी पाया गया तो उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।
राम रहीम को बलात्कार मामले में 25 अगस्त को दोषी ठहराये जाने के बाद उसे 28 अगस्त को सजा सुनाई गयी। सजा के बाद राम रहीम के समर्थकों के उपद्रव को देखते हुए इस बार सुरक्षा चाक चौबंद की गई थी।
सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह की अदालत में सीबीआई की तरफ से वकील एचपीएस वर्मा और राम रहीम की ओर से एस के गर्ग ने जिरह की।