परिजन इलाज कराते रहे और डेंगू से हो गई छात्रा की मौत
दीपका क्षेत्र में निवासरत एक स्कूली छात्रा को हुए बुखार का परिजन इलाज कराते रहे और अपोलो के डॉक्टरों को उसे डेंगू होने का पता तब चला जब छात्रा की हालत काफी गंभीर हो चुकी थी;
कोरबा। दीपका क्षेत्र में निवासरत एक स्कूली छात्रा को हुए बुखार का परिजन इलाज कराते रहे और अपोलो के डॉक्टरों को उसे डेंगू होने का पता तब चला जब छात्रा की हालत काफी गंभीर हो चुकी थी।
अंतत: डेंगू के सामने छात्रा ने घुटने टेक दिए। इस मौत से जहां छात्रा का परिवार गमजदा है वहीं डेंगू मच्छर के पनपने का मुख्य कारण गंदगी के जगह-जगह मौजूद होने से अन्य लोगों की चिन्ता बढ़ गई है। एसईसीएल क्षेत्र में इससे पहले भी डेंगू अपना कहर बरपा चुका है। बावजूद इसके प्रबंधन सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहा।
जानकारी के अनुसार दीपका निवासी कुमारी किमी यादव 15 वर्ष स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में कक्षा 10वीं में अध्ययनरत थी। 15 जुलाई को स्कूल से लौटने के बाद अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई। 16 जुलाई को उसे एनसीएच गेवरा अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां तबियत और भी बिगड़ने पर आनन-फानन में चिकित्सकों द्वारा अपोलो बिलासपुर रेफर कर दिया गया। यहां छात्रा को उपचार के दौरान आईसीयू में रखा गया।
आईसीयू में इलाज के दौरान छात्रा की हालत और बिगड़ने लगी और बाद में पता चला कि उसे डेंगू है। डॉक्टरों को यह जानकारी होते तक काफी देर हो चुकी थी और अंतत: छात्रा ने डेंगू बुखार के सामने घुटने टेक दिए। बालिका की मौत उपरांत अस्पताली मेमो के आधार पर पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम बाद शव परिजनों के सुपुर्द करते हुए विवेचना प्रारंभ की है।
छात्रा का शव दीपका लाया गया तथा गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। लोगों के जेहन में एक सवाल बार-बार कौंध रहा है कि आखिर लक्षणों के आधार पर डेंगू बुखार की पहचान करने में यहां के चिकित्सक नाकाम कैसे रह गए? और तमाम परीक्षणों के दौर से गुजरने के बाद भी आखिर इसका पता कैसे नहीं चल पाया?
डेंगू के लक्षण व बचाव
तेज बुखार के साथ कमजोरी, मुंह का स्वाद बदल जाना व उल्टी होना, सिर दर्द, पीठ में दर्द और बदन दर्द होना इसके लक्षण हैं। कई लोगों को त्वचा पर रैशेज भी हो जाते हैं। इसके बचाव का तरीका है कि चूंकि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं इसलिए अपने आस-पास पानी जमा न होने दें। बीमारी का लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें और प्लेटलेट्स काउंट कराएं ताकि समय रहते इलाज संभव हो सके।
जिला अस्पताल में जांच की सुविधा
सीएमएचओ डॉ. पी एस सिसोदिया ने बताया कि डेंगू से हर साल हो रही मौत पर रोक लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार जिला अस्पताल को जांच के लिए किट मुहैया कराई है। बीमारी के लक्षण पाए जाने पर मरीज डेंगू की जांच करा सकते हैं। इसके लिए ब्लड सैंपल को बिलासपुर भेजने की जरूरत नहीं होगी।
डेंगू की पुष्टि के लिए एंटी बॉडी और एंटीजेन टेस्ट किया जाता है। एंटीजेन कारगर है, जबकि एंटी बॉडी टेस्ट में बीमारी का सही कारण पता नहीं चलता है।