मदरसों में मिलने वाली तालीम में समय-समय पर अपडेट भी होना चाहिए : फजल रहीम मुज्जदी

मदरसों में जो तालीम दी जाती है, उसे समय के साथ-साथ अपडेट करते रहना चाहिए। आज की तारीख में मदरसों के लिए यह बहुत बड़ा चैलेंज है कि यहां पर मॉडर्न विषय नहीं पढ़ाए जाते;

Update: 2024-08-10 23:05 GMT

अलीगढ़। मदरसों में जो तालीम दी जाती है, उसे समय के साथ-साथ अपडेट करते रहना चाहिए। आज की तारीख में मदरसों के लिए यह बहुत बड़ा चैलेंज है कि यहां पर मॉडर्न विषय नहीं पढ़ाए जाते। यह कहना है ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के महासचिव मौलाना फजल रहीम मुज्जदी का।

उन्होंने कहा कि हम यह चाहते हैं कि मदरसों से निकलने वाले जो बच्चे हैं वो मौजूदा हालातों को समझें और मॉर्डन विषय भी पढ़ें और उनको एक मुकाम हासिल हो।

सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में मदरसों के लिए आदर्श पाठ्यक्रम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार में दो दर्जन से अधिक मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भाग लिया।

दो दिन तक चलने वाले इस सेमिनार में देशभर से प्रख्यात विचारक शामिल हो रहे हैं। दो दिन तक चलने वाले सेमिनार में मदरसों की शिक्षा प्रणाली और समसामयिक आवश्यकताएं, मदरसों की स्थापना और कानूनी सुरक्षा, सरकारी योजनाएं और तकनीकी कौशल के अवसर, शिक्षा की व्यापक प्रणाली पर चर्चा होगी।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के महासचिव मौलाना फजल रहीम मुज्जदी ने मदरसों को बंद करने के एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि हमारी एक कानूनी टीम है जो अपना काम कर रही है, मदरसों में बच्चों को तालीम देने का अधिकार हमें संविधान में मिला हुआ है।

लोकसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल 2024 पेश किया गया है। जेपीसी में इसे भेज दिया गया है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहली कामयाबी यह है कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने इसे देखा। दूसरी बात यह है कि विपक्षी सांसद ने बिल का विरोध किया है कि हमारे मामलों में किसी भी तरह से दखल नहीं होना चाहिए। जेपीसी में बिल को भेजा गया है। वहां 31 सदस्य हैं, 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से। इन सांसदों के सामने अपनी बात रखेंगे।

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