भ्रष्टाचार की धूल थी अखिलेश के चेहरे पर : राकेश त्रिपाठी

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बुधवार को प्रेसवार्ता में पढ़े गए गालिब के शेर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश ने शेर पढ़कर सच को स्वीकार किया है;

Update: 2017-09-20 21:40 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बुधवार को प्रेसवार्ता में पढ़े गए गालिब के शेर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश ने शेर पढ़कर सच को स्वीकार किया है कि उनके चेहरे पर वाकई भ्रष्टाचार की धूल थी। अखिलेश की यह भूल थी कि जनता उनके भुलावे में आ जाएगी और धूल नहीं देख पाएगी। 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, "जिन कारनामों के कारण सपा को चुनावों में बुरी तरह पराजय मिली है, उन्हीं कारनामों का गान अखिलेश अब भी गा रहे हैं। अखिलेश को इस सच का भी सामना करना चाहिए कि उनके शासनकाल में अराजकता और भ्रष्टाचार के संरक्षण के चलते जनता ने उन्हें नकार दिया और भाजपा को पसंद किया है। सरकार का श्वेतपत्र अखिलेश यादव के लिए आईना है, जिसमें वो अपने कारनामों को देख सकते हैं। कुछ दिनों पूर्व ही उनके साथी राहुल गांधी ने भी सच स्वीकार किया था कि कांग्रेस सत्ता में रहते हुए अभिमानी हो गई थी।"

प्रवक्ता ने कहा, "योगी सरकार जनता के प्रति जवाबदेह सरकार है, जिसने 100 दिनों के बाद अब छह महीने पूरे होने पर जनता के सामने हिसाब-किताब रखा है। जबकि अखिलेश यादव तो पांच साल पूरा होने पर हिसाब देने के बजाय पारिवारिक झगड़े में उलझ गए और जनता ने खुद उनका हिसाब-किताब कर दिया।"

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