लोकतंत्र की गरिमा से खिलवाड़ सहन नहीं होगा : रालोद
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का कहना है कि अपने-अपने तबादलों से आहत होकर जिला न्यायाधीश इस्तीफा दे रहे हैं;
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का कहना है कि अपने-अपने तबादलों से आहत होकर जिला न्यायाधीश इस्तीफा दे रहे हैं और उच्च न्यायालय में पदस्थ विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश धरने पर बैठने के लिए मजबूर हैं।
दल का कहना है कि प्रदेश एवं केंद्र की सरकारों ने न्यायपालिका में अपना हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। रालोद के अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा, "रायबरेली के जिला न्यायाधीश के.के. शर्मा का इस्तीफा और जबलपुर उच्च न्यायालय के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी एवं अपर जिला न्यायाधीश राजेंद्र कुमार श्रीवास का धरने पर बैठना इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि प्रदेश एवं केंद्र की सरकारों ने न्यायपालिका में अपना हस्तक्षेप शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और केंद्र में भाजपा की बहुमत वाली सरकारें हैं, जो लोकतंत्र के खंभों पर अपना अधिपत्य कायम करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "वहीं जनता में चारों ओर किसान मजदूर, युवा एवं छात्र सभी वर्गो में त्राहि-त्राहि मची हुई है। जनता से झूठे वादे करके उसे लॉलीपॉप थमाने में किसी भी प्रकार की लज्जा न महसूस करना और भविष्य के लिए फिर झूठे वादों की फेहरिस्त जारी करते रहना ही क्या अच्छे दिनों की पहचान है।"
रालोद अध्यक्ष ने कहा कि न्यायपालिका में हस्तक्षेप से लोकतंत्र की हत्या करने जैसी बू आ रही है। उन्होंने इसको प्रदेश की जनता एवं राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता सहन नहीं करेंगे, क्योंकि विश्व में भारतीय लोकतंत्र की विशेष गरिमा है और इससे खिलवाड़ करने का अधिकार किसी भी राजनेता अथवा राजनैतिक दल को नहीं है।