केंद्रीय मंत्री द्वारा छात्रों को दी गई उपाधि, छात्रों के खिले चहरे

शोभित विश्वविद्यालय में 13वां दीक्षांत समारोह का आयोजन;

Update: 2022-06-17 23:08 GMT

मेरठ। बृहस्पतिवार को शोभित विश्वविद्यालय में 13वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षांत समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री परसोत्तम रुपाला, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान, कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र, विशिष्ट अतिथि नाइस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ शोभित कुमार विशेष अतिथि सांसद राजेंद्र अग्रवाल द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई। कुलपति प्रो. एपी गर्ग द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं विवि की प्रगति आख्या प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को दीक्षा की शपथ दिलाई गई। प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर जयानंद द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का परिचय दिया गया। कार्यक्रम में पीएचडी के 34 छात्र छात्राओं एवं अन्य पाठ्यक्रमों में लगभग 689 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले 41 छात्र छात्राओं को केंद्रीय मंत्री द्वारा स्वर्ण पदक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कुलाधिपति द्वारा केंद्रीय मंत्री को डी लिट की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। कार्यक्रम के दौरान विवि प्रांगण में मुख्य अतिथियों द्वारा गणेश जी की प्रतिमा का अनावरण भी किया गया।

केंद्रीय मंत्री ने विवि के द्वारा विभिन्न नए नए विषयों पर कराए जा रहे शोध कार्य के सभी गुरुओं व विवि की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से विश्वविद्यालय के पास ऐसे शिक्षक होंगे जो इस तरह के शोध कार्य करने के लिए छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज कार्यक्रम में आकर मुझे पता चला कि देश में रुद्राक्ष पर भी कार्य हो रहा है उन्होंने खुद को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि देश के सबसे पहले रुद्राक्ष पर कार्य कर रही छात्रा शिवा शर्मा को उपाधि देने का सौभाग्य भगवान सोमनाथ ने उन्हें दिया। विवि के संरक्षक एवं नाइस सोसाइटी ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ शोभित कुमार द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। गंगोह के कुलपति प्रो डॉ रंजीत सिंह, सभी विभागों के डीन एवं निदेशक, क्षेत्र के प्रतिष्ठित उद्योगपति, शिक्षाविद, समाजसेवी, उपाधि प्राप्तकर्ताओं के अभिभावक मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

रूद्राक्ष पर रिसर्च सराहनीय पहल : परसोत्तम रुपाला

केन्द्रीय मंत्री ने आग्रह किया कि विवि में इस तरह की शोध कार्य रचनाओं एवं विधाओं को पंजीकृत जरूर कराएं और जिस प्रकार रुद्राक्ष पर कार्य किया जा रहा है ठीक उसी तरह आप तुलसी पर भी कार्य करें और इसी तरह की अन्य शोध कार्यों की सूची तैयार करें जिससे अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा मिल सके। उन्होंने विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र रुचित गर्ग की चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार आज विदेश की भारी-भरकम पैकेज की नौकरियां छोड़कर वापस अपने देश में आकर किसानों के बीच कार्य कर रहे हैं और उनकी फसल की खरीद फरोख्त को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उचित दाम दिलवा रहे हैं। ऐसे छात्रों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। अंत में कहा कि जिस प्रकार भारत के प्रधानमंत्री भारत की प्रस्तुति करने का प्रयास कर रहे हैं उसी भारत में आप संवाहक बनने जा रहे हैं।

हर क्षेत्र में शिक्षा का अलग महत्व : संजीव बालियान

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान ने अपने विभाग का उदाहरण देते हुए कहा कि जब हमने अपने विभाग के कुछ प्रभावशाली एवं शिक्षित युवाओं को चयनित किया तो उसमें से 75 पतिशत छात्र एमबीए, पीएचडी, सीए या अमेरिका रिटर्न थे। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अपना बहुत बड़ा महत्व है आप चाहे नौकरी करो अपना रोजगार करो या आप राजनीति में जाओ हर जगह शिक्षा अपना एक अलग महत्व रखती है। उन्होंने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले छात्राओं को बधाई दी। रुद्राक्ष के क्षेत्र में शोध कार्य की प्रशंसा की।

छात्रों की सफलता राष्ट्र की सफलता : कुलाधिपति

कुलाधिपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह में छात्रों के साथ आए अभिभावक की सफलता का दिन है। उन्होंने छात्रों से कहा कि आपकी सफलता राष्ट्र की सफलता है। क्योंकि जब आप सफल होते हैं तो कहीं ना कहीं आप राष्ट्र निर्माण में सहभागिता कर रहे होते हैं। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि छात्र डिग्री प्राप्त करने के बाद यह सोचने लगते हैं कि आप सब कुछ व्यवस्थित हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें कभी भी स्थिर नहीं होना है क्योंकि जीवन में जो एक बार स्थिर हो जाता है वह नष्ट हो जाता है। जिस प्रकार शुद्ध जल को भी हम स्थिर कर देते हैं तो वह भी सढ़ने लगता है। इसलिए हमें हमेशा प्रगतिशील बने रहना चाहिए और सीखते रहना चाहिए।

इन छात्रों को मिला गोल्ड मैडल

कुमारी आकांक्षा तोमर, शिल्पा गोयल, बूट्स कुमार गौरव, अनुष्का त्यागी, अंकित चैहान, शुभम त्यागी, तनु शर्मा, आशु सिंह, मयंक गौतम, सारिका पांडे, अमीना सलीम , राहुल शिवाच, निष्कर्ष गर्ग, शिवम वशिष्ठ, धन जुम्मा जमीनों कोको, अपराजिता अस्थाना, तुलसी गुप्ता, रजत कुमार, शालू सिंह, सारूल अंसारी, नेहा शर्मा, सक्षम कंसल, मोनिका गुप्ता, गौरव वर्मा, शिवानी शर्मा, रितिका, ध्रुव प्रताप सिंह, अंकुर कुमार, अंजली पाठक, लुभान सिंह, जानकी कुमारी, वैभव साहनी, आर्यन त्यागी, पूजा राजपूत, राजेश त्यागी, कृतिका रानी, प्रियंका सिंह, स्वीटी पाल, शिवानी, श्रेया गोयल, सुल्तान अहमद।

इन्हें मिली पीएचडी की उपाधि

कंप्यूटर साइंस में स्वाति शर्मा, उत्कर्ष शुक्ला, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में अनिकेत कुमार, गणित में मनिंदर सिंह, फिजिक्स में बृजेश गोस्वामी एवं संजय कुमार, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में शिवा शर्मा, रूपम श्रीवास्तव, पूनम खालसा, बायो टेक्नोलॉजी में गुनप्रीत कौर, ऋषि, सर्वेंद्र प्रताप सिंह, बिना रावत माइक्रोबायोलॉजी में विनय मलिक, नेहा पाल फार्मास्यूटिकल साइंस में रिचा रटूरी मैनेजमेंट में राखी गर्ग, समसुद्दीन अंसारी, कार्तिक अग्रवाल, रूही गुप्ता, अमित कुमार,सोमपर्व दुबे, कमल सिंह, कोशिक अग्रवाल, सुजॉय भट्टाचार्य, श्रद्धा श्रीपद भांडवेटकर, सुरेंद्र खान एवं नेहा रानी अर्थशास्त्र में स्वाति लॉ में कुलदीप कुमार, मनोज शर्मा, अमित राय, राहुल कटियार तथा एजुकेशन में स्वाति त्यागी।

समारोह को सफल बनाने में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक गण कार्यक्रम के समन्वयक, डॉ तरुण शर्मा, डॉक्टर मोहम्मद इमरान, विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर डॉ अभिषेक डबास, प्रोटोकॉल ऑफिसर रमन शर्मा, डॉ कुलदीप कुमार, डॉ नेहा वशिष्ठ, डॉ दिव्या प्रकाश, डॉ निशांत पाठक, राज किशोर सिंह, मृदुल वैश्य, नेहा भारती, डॉ संदीप कुमार, डॉ निधि त्यागी, डॉ नेहा यजुर्वेदी, शमशाद हुसैन, विजय महेश्वरी, डॉ अनुज गोयल, डॉक्टर पूनम देवदत्त, दीपक गोयल, ममता बंसल, डॉ अनिकेत कुमार, मनीष कुमार, विष्णु दत्त शर्मा, डॉक्टर आरके जैन, पवन कुमार, अभिनव पाठक एवं उनकी टीम विशेष योगदान रहा।

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