जेवर एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर कवायद तेज
यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे जेवर एयरपोर्ट निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है;
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे जेवर एयरपोर्ट निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है। निर्माण को लेकर सबसे बड़ी समस्या वित्तीय खर्च को लेकर आ रहा है। नागर विमानन निदेशालय ने खर्च को लेकर पलड़ा अब प्रदेश सरकार के पाले में डाल दिया है। निदेशालय की तरफ से खर्च को लेकर विकल्प सुझाया गया है, जिस पर अब शासन को निर्णय लेना है।
इस निर्णय के बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। साथ ही तकनीकी रिपोर्ट तैयार को लेकर भी कंसल्टेंट की नियुक्ति पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है। जेवर एयरपोर्ट के फेस-एक निर्माण को लेकर भारतीय उड्डयन प्राधिकरण ने तीन हजार हेक्टेयर जमीन चिन्हित करने को कहा है। ओएलएस सर्वे की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार की तरफ से जेवर में एयरपोर्ट निर्माण को लेकर हरी झंडी मिल चुकी है। नागर विमानन निदेशालय ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर जमीन अधिग्रहण से लेकर निर्माण शुरू होने तक आने वाले खर्च को लेकर पत्र भेजा है।
जिसमें निदेशालय की तरफ से सुझाव दिया गया है कि एयरपोर्ट निर्माण को लेकर प्रदेश व केंद्र सरकार मिलकर खर्च वहन करें। दूसरा विकल्प यह है कि भारतीय उड्डयन प्राधिकरण व यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण मिलकर पीएसपी एक कंपनी का गठन करें, जिसमें दोनों सौ-सौ करोड़ रुपए का अंशदान करें। 18 सौ करोड़ रुपए बैंकों से खर्च लेकर काम शुरू किया जाए। निदेशालय ने इस पर फैसला लेने का निर्णय प्रदेश सरकार पर छोड़ दिया है। प्रदेश सरकार को निर्णय लेना है कि एयरपोर्ट निर्माण को लेकर आने वाले खर्च का वहन कैसे किया जाए।
प्रदेश कैबिनेट में यह प्रस्ताव जाएगा इसके बाद ही निर्णय हो पाएगा। हालांकि यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने वित्तीय हालत को देखते हुए एयरपोर्ट निर्माण को लेकर खर्च वहन करने से हाथ खड़ा कर दिया है। प्राधिकरण पहले ही विभिन्न बैंकों से कर्ज ले चुका है। एयरपोर्ट निर्माण के खर्च को लेकर फैसला होने के बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। उधर टेक्नो ऑफ फिजिबिल्टी रिपोर्ट तैयार करने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई। कंसल्टेंट नियुक्त करने को लेकर बातचीत चल रही है। दूसरी तरफ से एयरपोर्ट आर्थिरिटी ऑफ इंडिया ने जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट का रनवे ग्रेटर नोएडा की तरफ बढ़ाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण को पत्र भेजा था। जिस पर प्राधिकरण ने आपत्ति लगा दी कि ग्रेटर नोएडा की तरफ रनवे का क्षेत्र बढ़ाना संभव है। प्राधिकरण पहले वह जमीन आबंटित कर चुका है। जिससे आवासीय व औद्योगिक क्षेत्र आता है। प्राधिकरण की तरफ से एयरपोर्ट प्राधिकरण को पत्र जवाब भेजा जा चुका है।