सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की याचिका को किया खारिज, मुख्यमंत्री रेड्डी के खिलाफ मानहानि संबंधी मुकदमे रद्द

उच्चतम न्यायालय ने कथित आपराधिक मानहानि के एक मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को राहत देते हुए उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना शाखा की याचिका सोमवार को खारिज कर दी;

Update: 2025-09-08 08:33 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री रेड्डी के खिलाफ भाजपा की याचिका को किया खारिज, कहा-विचार करने इच्छुक नहीं

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कथित आपराधिक मानहानि के एक मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को राहत देते हुए उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना शाखा की याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति अतुल एस चंदुरकर की पीठ ने उच्च न्यायालय के संबंधित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह इस पर विचार करने को इच्छुक नहीं हैं।

याचिका में तेलंगाना उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भाजपा के राज्य महासचिव करम वेंकटेश्वर राव की ओर से मुख्यमंत्री रेड्डी के खिलाफ मानहानि संबंधी मुकदमे को खारिज कर दिया गया था।

पीठ की ओर से मुख्य न्यायाधीश ने याचिका खारिज करने का आदेश सुनाते हुए याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार से कहा, “हमने कई मौकों पर दोहराया है कि अदालतों को राजनीतिक उठा-पटक का मैदान नहीं बनाया जा सकता।”

पीठ ने यह भी कहा कि एक राजनेता में अपने विरोधियों की आलोचना सहने की क्षमता होनी चाहिए। “अगर आप एक राजनेता हैं, तो आपको यह सब (आलोचना) सहने की हिम्मत रखनी चाहिए।”

भाजपा की ओर से दर्ज कराये गए आपराधिक मुकदमे में मुख्यमंत्री रेड्डी के बयान को आधार बनाया गया था।

लोकसभा के 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता रेड्डी ने कथित तौर पर अपने भाषण में संकेत दिया था कि यदि भाजपा के इस चुनाव में 400 से अधिक सीटें हासिल हुई तो वह संविधान में बदलाव करेगी और एससी,एसटी और ओबीसी आरक्षण आरक्षण खत्म कर देगी।

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कुमार की ओर से (याचिका पर विचार के लिए) दलीलें सुनने के अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह पहले भी कई बार कह चुके हैं कि अदालतों को राजनीतिक लड़ाई का मंच नहीं बनने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री रेड्डी की ओर से वरिष्ठ पेश अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि अगर यह (मामला) मानहानि का है तो कोई राजनीतिक बहस नहीं होगी।

तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के. लक्ष्मण ने एक अगस्त को मुख्यमंत्री रेड्डी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा खारिज कर दिया था।

भाजपा की ओर से श्री रेड्डी के खिलाफ शिकायत में यह दावा किया गया था कि भद्राद्री कोठागुडेम जिले में एक चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री रेड्डी ने (भाजपा के खिलाफ) "झूठे और मानहानिकारक" बयान दिए थे। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि कथित मानहानिकारक भाषण ने एक राजनीतिक दल के रूप में भाजपा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाई है।

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि रेड्डी ने कांग्रेस पार्टी की तेलंगाना शाखा के साथ मिलकर एक फर्जी और संदिग्ध राजनीतिक कहानी गढ़ी कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो वह आरक्षण समाप्त कर देगी।

एक निचली अदालत ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि मुख्यमंत्री रेड्डी के खिलाफ तत्कालीन भारतीय दंड संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत कथित मानहानि के अपराधों के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनता है।

रेड्डी ने निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

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