तमिलनाडु सरकार ने 1 दिन में 90 हजार कोरोना परीक्षण करने का फैसला किया

तमिलनाडु ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कमर कस ली है;

Update: 2021-04-13 06:28 GMT

चेन्नई। तमिलनाडु ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कमर कस ली है। राज्य सरकार ने कोरोना मामलों का पता लगाने के लिए रोजाना कम से कम 90,000 आरटी-पीसीआर परीक्षणों को सुनिश्चित करने का फैसला किया है। यहां सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की अध्यक्षता में हुई चिकित्सा विशेषज्ञों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक के दौरान फैसला लिया गया कि खासतौर पर कोविड से अधिक प्रभावित क्षेत्रों में आक्रामक तरीके से अधिक से अधिक परीक्षण किए जाएं। संक्रमित व्यक्तियों के 25-30 संपर्कों का पता लगाने के साथ ही बुखार शिविर (फीवर कैंप) जैसे कदम उठाने का फैसला भी लिया गया है।

यहां जारी एक बयान में, सरकार ने कहा कि प्रति दिन आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या 90,000 से कम नहीं होनी चाहिए।

सरकार ने यह भी कहा कि ऐसे 25 से 30 व्यक्ति, जो कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, उनका पता भी लगाया जाना चाहिए।

बैठक के दौरान कहा गया है कि अगर तीन व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाते हैं तो वहां गलियों से लेकर आवासीय अपार्टमेंटों में माइक्रो-कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाए।

इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार द्वारा घोषित एसओपी का पालन करना चाहिए। वहीं स्वास्थ्य/राजस्व/पुलिस विभाग और स्थानीय निकायों में कार्यरत सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण सुनिश्चित करने की व्यवस्था पर ध्यान देने की बात भी की गई है।

राज्य सरकार ने सिनेमाघरों, फलों और सब्जी मंडियों के अलावा वाणिज्यिक परिसरों में काम करने वालों से भी टीकाकरण कराने को कहा है।

इसके साथ ही सलाह दी गई है कि लोगों को अपने घरों से बाहर निकलते समय मास्क पहनना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए।

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