फ्लैट पर कब्जा देने की शर्त पर ही बिल्डरों से बातचीत : सतीष महाना

 प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीष महाना ने कहा कि बिल्डरों के कारण डेढ़ लाख निवेशकों के फ्लैट फंसे हुए है;

Update: 2017-08-04 16:48 GMT

ग्रेटर नोएडा।  प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीष महाना ने कहा कि बिल्डरों के कारण डेढ़ लाख निवेशकों के फ्लैट फंसे हुए है।

प्रदेश सरकार की प्राथमिकता निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा दिलाना। बिल्डरों से अब इसी शर्त पर बात होगी कि निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा कब देंगे। बिल्डर कब्जा देने में आनाकानी करते है तो उसके खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी। अब ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-'वे प्राधिकरण में औद्योगिक विकास पर जोर दिया जाएगा। औद्योगिक विकास मंत्री सतीष महाना बृहस्पतिवार को यमुना एक्सप्रेस-वे व ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। साथ ही उन्होंने यमुना एक्सप्रेस-वे के क्षेत्र का दौरा कर चल रहे विकास कार्यों का जायजा भी लिया। 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि पिछले 15 साल में दोनों प्राधिकरण रियल इस्टेट आथार्रिटी बनकर रह गए थे। औद्योगिक निवेश के बजाय बिल्डरों को भूखंड आबंटित करने पर जोर दिया गया। यहां तक पिछले सरकारों ने बिल्डरों को पूरी मनमानी करने की  छूट दे रखी थी। इसी वजह से ड़ेढ लाख फ्लैट फंसे हुए है।

निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद निवेशकों की बात सुनी गई और बिल्डरों पर शिकंजा कसा गया। अब बिल्डरों से फ्लैट पर कब्जा देने की शर्त पर बातचीत की जा रही है उनसे जवाब तलब किया जा रहा है कि कब्जा देने का विकल्प व ठोस आधार बताए। जरूरत पड़ने पर बिल्डरों के खिलाफ  कार्रवाई भी की जाएगी।

फिलहाल रास्ता निकालने का प्रयास किया जा रहा है। बिल्डरों को निवेशकों से फ्लैट पर कब्जा नहीं दे रहे थे और साथ ही प्राधिकरण का बकाया किश्त भी जमा नहीं कर रहे थे। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने जेपी पर शिकंजा कसा तो वह 410 करोड़ रूपया जमा किया अभी उस पर 982 करोड़ रुपए बकाया है। इसी तरह ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों ने 125 करोड़ रूपया जमा किया व 150 अगस्त तक 160 करोड़ और मिल जाएगा। अभी ग्रेनो में बिल्डरों पर करीब चार हजार करोड़ रुपए बकाया है।

सतीष महाना ने कहा कि अब दोनों प्राधिकरणों में औद्योगिक निवेश पर ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने औद्योगिक नीति लागू कर दिया है। इसके लागू होने से निवेश को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक नीति के बारे में प्राधिकरणों के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को पूरी जानकारी होनी चाहिए। समीक्षा के दौरान ज्यादातर आधिकारियों व कर्मचारियों को औद्योगिक नीति की जानकारी नहीं थी। महाना ने कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। दो माह के अंदर इस लागू कर दिया जाएगा। अब इन प्राधिकरण के कर्मचारी दूसरे प्राधिकरणों के जाकर ग्रेनो की तरह विकास करेंगे। अगर कोई नहीं जाना चाहता तो उसे तीन माह का वेतन देकर नौकरी से निकाल दिया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का हल किया जाएगा। अभी तक किसानों ने 3500 करोड़ रुपए 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा बांटा गया है। तीन माह के अंदर तीन हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त मुआवजा बांटा गया जाएगा। औद्योगिक विकास मंत्री ने यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में विकास कार्यों की समीक्षा करने के बाद सेक्टर-24 में जाकर पतंजलि के प्रोजेक्ट को देखा और सेक्टर-22 डी में प्राधिकरण के बने फ्लैटों का निरीक्षण किया।

फ्लैट की गुणवता देखकर उन्होंने सीईओ डॉ. अरूणवीर सिंह का प्रशंसा की है। इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर को देखा। यमुना में 5100 फ्लैट पर जल्द लोगों को कब्जा मिल जाएगा। इस दौरान दादरी विधायक तेजपाल नागर भी मौजूद थे।  

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