ताजमहल देश की ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक : अलफोंस

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पर्यटन स्थलों की ताजा सूची में से ताजमहल का नाम हटा दिए जाने को लेकर उठे विवाद पर अलफोंस ने आज सफाई पेश करते हुए कहा कि ताजमहल सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत भर नहीं है;

Update: 2017-10-04 23:41 GMT

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के पर्यटन स्थलों की ताजा सूची में से ताजमहल का नाम हटा दिए जाने को लेकर उठे विवाद पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री अलफोंस कन्ननथानम ने आज सफाई पेश करते हुए कहा कि ताजमहल सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत भर नहीं है यह देश की बहुलवादी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का एक प्रतीक है जिसकी महत्ता कभी कम नहीं हो सकती।

श्री अलफोंस ने पर्यटन मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद आज यहां अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह बात कही। पर्यटन मंत्री ने इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके बयान में सारे सवालों का जवाब मौजूद है। इससे अधिक कुछ और कहने की आवश्यकता नहीं है।

ताजमहल को राज्य के पर्यटन स्थल की सूची से बाहर करने के मामले में योगी सरकार के निशाने पर आ जाने   के बाद सुश्री रीता बहुणा ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
ताजमहल देश की शान है। ऐतिहासिक विरासत है। विश्व विख्यात पर्यटन स्थल है।

केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से ताजमहल और उससे जुड़े स्थलों के साथ ही पूरे आगरा शहर को विकसित और खूबसूरत बनाने के लिए करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने जो बुकलेट प्रकाशित की है उसमें आगामी एक वर्ष में जिन पर्यटल स्थलों में विकास के काम होने हैं उसके बारे में दर्शाया गया है।

ताजमहल पहले से ही एक विकसित पर्यटन स्थल है लेकिन फिर भी बुकलेट में ताजमहल का चित्र न होने से यह नहीं कहा जा सकता है कि ताजमहल सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

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