सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की नजरबंदी 12 सितंबर तक बढ़ाई

उच्चतम न्यायालय ने नक्सलियों से कथित सम्पर्क मामले में सभी पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की आरोपियों की नजरबंदी अगले बुधवार तक के लिए बढ़ा दी है;

Update: 2018-09-06 16:44 GMT

नई दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने नक्सलियों से कथित सम्पर्क मामले में सभी पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की आरोपियों की नजरबंदी अगले बुधवार तक के लिए बढ़ा दी है।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र पुलिस को फटकार लगाई। 

न्यायमूर्ति ने मामले की सुनवाई 12 सितंबर तक टाल दी और कहा कि तब तक आरोपियों की नजरबंदी जारी रहेगी।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि पुलिस ने यह कैसे कह दिया कि मामले में न्यायालय को दखल नहीं देना चाहिए।उन्होंने सरकारी वकील से कहा, ''पुलिस को ऐहतियात बरतना चाहिए। हम इस मामले में बेहद गंभीर हैं।''  सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की। 

उन्होंने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन होना चाहिए। वहीं सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए। 

 

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