आशीष मिश्रा की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को हर कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है। मौजूदा मामले में पीड़ित को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है।;
लखीमपुर खीरी केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को हर कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है। मौजूदा मामले में पीड़ित को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है। हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक विचारों और अनदेखी मिसालों को ध्यान में रखा है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि एक हफ्ते में आशीष मिश्रा समर्पण करे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट नए सिरे से विचार करे। पीड़ित पक्षकारों के वकील दुष्यंत दवे ने आग्रह किया कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट कहे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मैटर जाए. इस पर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना उचित नहीं होगा. हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे.
आपको बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी. इससे पहले, वह चार महीने तक हिरासत में रहा था. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे. गौरतलब है कि किसानों का एक समूह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था और तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला और इस हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी.