स्वतंत्रता के अभिव्यक्ति के पक्षधर हैं : पर्रिकर
रामजस कालेज घटनाक्रम के मद्देनजर स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति को लेकर मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि वह स्वतंत्रता के अभिव्यक्ति के पक्षधर हैं लेकिन यह कानून के दायरे में होनी चाहिए।;
नयी दिल्ली। रामजस कालेज घटनाक्रम के मद्देनजर स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति को लेकर पिछले कुछ दिनों से मचे बवाल के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि वह स्वतंत्रता के अभिव्यक्ति के पक्षधर हैं लेकिन यह कानून के दायरे में ही होनी चाहिए। पर्रिकर ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ के एक कार्यक्रम से इतर कहा कि वह कानून के दायरे में रहकर की जाने वाली स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी इस टिप्पणी को किसी एक घटना के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह रामजस कालेज में एक कार्यक्रम में जेएनयू के कुछ छात्र नेताओं को बुलाये जाने को लेकर छात्र संगठनों के दो गुटों में टकराव हो गया था। इसके बाद से विश्वविद्यालय और राजनीतिक हलकों में बोलने की आजादी को लेकर बवाल मचा हुआ है।
सेना भर्ती का पर्चा लीक होने के मामले में उन्होंने कहा कि सेना इस मामले की आंतरिक जांच कर रही है और रक्षा मंत्रालय ने इसकी केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) से जांच कराये जाने की सिफारिश की है। पिछले सप्ताह सेना भर्ती का पर्चा लीक होने के कारण इस रदद करना पडा था।
पर्रिकर ने इस कार्यक्रम में सेना के आधुनिकीकरण के तहत डीआरडीओ द्वारा बनाये गये कुछ उत्पाद आज सेना को सौंपे। इनमें हथियारों का पता लगाने वाली अत्याधुनिक रडार प्रणाली तथा कुछ अन्य उपकरण शामिल हैं। इसके लिए डीआरडीओ को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भले ही अभी परमाणु , रसायनिक या जैविक हमले का खतरा नहीं हो लेकिन हमें भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हमेशा तैयार रहना पडता है। उन्होंने कहा कि हथियारों का पता लगाने में सक्षम रडार प्रणाली से सेना की ताकत बढेगी और वह तोपों के हमले से बखुबी निपट सकेगी। इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सशस्त्र बलों विशेष रूप से सेना का आधुनिकीकरण समय की जरूरत है।