नसबंदी कांड पर दायर याचिका निराकृत,सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार कार्य करे शासन

बिलासपुर ! प्रदेश के बहुचर्चित नसबंदी कांड की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता व संजय श्याम अग्रवाल के डिवीजन बेंच में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को यह निर्देश देते हुए याचिका निराकृत कर दी;

Update: 2017-02-07 22:52 GMT

बिलासपुर !   प्रदेश के बहुचर्चित नसबंदी कांड की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता व संजय श्याम अग्रवाल के डिवीजन बेंच में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को यह निर्देश देते हुए याचिका निराकृत कर दी कि सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाइन के अनुसार कार्य करें। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि गाईड लाइन का पालन राज्य शासन द्वारा ठीक ढंग से नहीं किया गया अब सख्ती से पालन करें।
वर्ष 2013-14 में बिलासपुर से लगे कानन पेण्डारी स्थित निजी अस्पताल में नसबंदी शिविर लगी थी जिसमें 14 महिलाओं की मौत हो गई थी। जिसमें अस्पताल में शिविर के दौरान लापरवाही सहित कई बातें सामने आई थी। राज्य शासन की व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगावा मामले का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और अधिवक्ता सलीम काजी व सुनीता जैन को न्यायमित्र नियुक्त किया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी थी हाईकोर्ट ने राज्य  शासन को आदेश दिया था कि मृतक के बच्चों को मुआवजा राशि सहित अन्य सभी प्रकार की सुविधा मुहैया कराए इसी तरह वर्ष 2012 में बिहार में भी ऐसी ही घटना घटी थी और मामले को देविका विश्वास ने जनहित याचिका के रुप में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका पर गाईड लाइन जारी किया गया था, आज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेच ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के गाईड लाइन का पालन करे, यह कहते हुए हाईकोर्ट ने मामले को निराकृत कर दिया।

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