माइंस आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपी झारखंड के रिटायर्ड आईएएस अरुण कुमार सिंह को मिली अग्रिम जमानत

रांची की सीबीआई कोर्ट ने अवैध तरीके से आयरन ओर की माइंस आवंटित करने के मामले में चार्जशीटेड आरोपी राज्य के तत्कालीन खनन सचिव रिटायर्ड आईएएस अरुण कुमार सिंह को अग्रिम जमानत दे दी है;

Update: 2024-12-21 10:37 GMT

रांची। रांची की सीबीआई कोर्ट ने अवैध तरीके से आयरन ओर की माइंस आवंटित करने के मामले में चार्जशीटेड आरोपी राज्य के तत्कालीन खनन सचिव रिटायर्ड आईएएस अरुण कुमार सिंह को अग्रिम जमानत दे दी है। अदालत ने शुक्रवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें 50-50 हजार रुपए के दो निजी मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत की सुविधा प्रदान की है।

इसके पहले इसी मामले में तत्कालीन खनन निदेशक इंद्र देव पासवान ने गुरुवार को रांची में सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया था और इसके बाद अदालत ने उन्हें भी इन्हीं शर्तों पर जमानत दे दी।

माइन्स आवंटन का यह मामला वर्ष 2005 का है। राज्य के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घाटकुरी में उषा मार्टिन लिमिटेड नामक कंपनी को 2005 आयरन ओर (लौह अयस्क) की माइन्स आवंटित की गई थी। माइन्स आवंटन की प्रक्रिया में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की।

जांच एजेंसी की दिल्ली इकाई ने कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सितंबर 2016 में इस मामले में एफआईआर दर्ज की, जिसमें झारखंड के खान विभाग के तत्कालीन सचिव आईएएस अरुण कुमार सिंह, विभाग के तत्कालीन निदेशक इंद्रदेव पासवान सहित कंपनी के प्रमोटरों को आरोपी बनाया गया था।

एफआईआर में कहा गया था कि खदान के आवंटन के लिए केंद्र सरकार को जो सिफारिश भेजी गई थी, उसमें राज्य सरकार की तरफ से अधिकारियों ने कथित रूप से उषा मार्टिन को माइन्स आवंटित करने में पक्षपात किया था। कंपनी ने कथित तौर पर वादा किया था कि वह हाट गम्हरिया में स्थित अपने इस्पात संयंत्र में लौह अयस्क का उपयोग करेगी। कंपनी ने राज्य सरकार को एक अंडरटेकिंग भी दी थी।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि कंपनी बाद में यह कहते हुए इस बात से मुकर गई कि कैबिनेट नोट में इसका कोई विशेष जिक्र नहीं था। सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद जनवरी 2023 में मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इस पर सीबीआई कोर्ट ने हाल में संज्ञान लिया है।

Full View

Tags:    

Similar News