कर्नाटक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष विजयेंद्र को पद से हटाने की मांग, पार्टी ने अपने ही विधायक को जारी किया नोटिस

कर्नाटक में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। पार्टी में आतंरिक टकराव बढ़ता नज़र आ रहा है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को लेकर बीजेपी नेताओं में अंतरकलह की स्थिति बन गई है। हालात इतने बेकाबू दिखाई दे रहे हैं कि अब पार्टी हाईकमान को अपने ही विधायकों-नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी करना पड़ा, लेकिन फिलहाल स्थिति सामान्य होती नज़र नहीं आ रही;

Update: 2025-02-11 12:14 GMT

कर्नाटक। कर्नाटक में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। पार्टी में आतंरिक टकराव बढ़ता नज़र आ रहा है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को लेकर बीजेपी नेताओं में अंतरकलह की स्थिति बन गई है। हालात इतने बेकाबू दिखाई दे रहे हैं कि अब पार्टी हाईकमान को अपने ही विधायकों-नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी करना पड़ा, लेकिन फिलहाल स्थिति सामान्य होती नज़र नहीं आ रही।

कर्नाटक में बीजेपी बनाम बीजेपी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। जहां अपने ही प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ बीजेपी विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी विधायक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को पद से हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं। लेकिन पार्टी हाईकमान ने उन्हें हटाने से साफ़ इनकार कर दिया है। इसके साथ ही विजयपुरा के उन बागी विधायक को नोटिस भी जारी किया है।

आपको बता दें कि बी वाई विजयेंद्र, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे हैं। और उन्हें पद से हटाने की कवायद लोकसभा चुनाव के बाद से ही शुरू हो गई थी। लेकिन अब ये मामला गरमाया हुआ है। विजयपुरा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के नेतृत्व में बागी नेताओं ने हालिया उपचुनाव में हार का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि विजयेंद्र का नेतृत्व अप्रभावी रहा है। उन्होंने उन पर एडजस्टमेंट वाली राजनीति करने और कांग्रेस सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया अख्तियार न करने का आरोप लगाया।

हाल ही में पार्टी के बागी नेता दिल्ली भी गए थे और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मांग की कि वो सीधा हस्तक्षेप करके राज्य इकाई प्रमुख बी वाई विजयेंद्र को हटाएं। उनका कहना है कि विजयेंद्र को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाकर पूर्व सीएम और सांसद बसवराज बोम्मई को कमान दी जाए।इन नेताओं ने बोम्मई से मुलाकात कर अपनी बात रख दी हैं। लेकिन बोम्मई ने पार्टी हाईकमान के फैसले के साथ रहने की बात कही है।

हालांकि, पार्टी ने इस पर अब जाकर ध्यान दिया और शिकायत करने वाले विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतमल को नोटिस जारी कर कहा कि आप अनुशासन नहीं तोड़ सकते। साथ ही इस नोटिस का 72 घंटे में जवाब मांगा है। दूसरी तरफ यतनाल ने भी पार्टी को खुली धमकी दे दी है और कहा है कि अगर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई तो कोरोना के समय बीजेपी सरकार में जो भी घोटाले हुए। उन सबको उजागर कर दिया जाएगा। यतनाल की धमकी के बाद बीजेपी के अंदर हलचल मच गई है। ऐसे में पार्टी में उभरी ये फूट कबतक शांत हो पाती है। ये देखने वाली बात होगी।

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